चरही. प्रखंड के बहेरा पंचायत अंतर्गत सीसीएल तापीन साउथ जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में संताल समाज दिशोम मांझी परगना का 29वां स्थापना दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया. मौके पर स्कूली शिक्षा, साक्षरता एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि संताल समाज की पहचान भाषा, पारंपरिक नृत्य, संगीत, वेषभूषा और रीति-रिवाजों से जुड़ी है, जिसे संरक्षित रखने की जरूरत है. आधुनिकता के दौर में युवा पीढ़ी भाषा और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. अपनी भाषा और संस्कृति को कायम रखने के लिए युवा पीढ़ी को भी आगे आने की जरूरत है. संताल समाज ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ी थी. संताल आदिवासियों की भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. शिक्षा के बिना समाज का विकास असंभव है़ संताल समाज दिशोम मांझी परगना के दिशोम मांझी हाड़ाम सह दर्जा प्राप्त मंत्री फागु बेसरा ने कहा कि संताल समाज दिशोम मांझी परगना संतालों का एक सामाजिक संगठन है. स्थापना दिवस समारोह में लोग पारंपरिक वेशभूषा और तीर-धनुष के साथ शामिल हुए.
परंपरागत संताली नृत्य-संगीत से समा बंधा
संताल समाज दिशोम मांझी परगाना के स्थापना दिवस समारोह में विभिन्न गांवों से आये संताली कलाकारों ने परंपरागत नृत्य और संगीत से समा बांधा. इस दौरान महिलाओं और पुरुषों के बीच तीर-धनुष प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों और कलाकारों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में चुरचू, मांडू, डाड़ी, इचाक, दारू, टाटीझरिया, विष्णुगढ़ सहित रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, रांची और राज्य के विभिन्न जिलों से लोग शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है