हजारीबाग. हजारीबाग डिटेंशन सेंटर से विदेशी नागरिकों के फरार होने का इतिहास पुराना है. इससे पूर्व भी इस सेंटर से तीन विदेशी नागरिक फरार हुए थे. जिनका अबतक कोई सुराग हजारीबाग पुलिस को नहीं मिला है. मार्च 2021 में म्यांमार के मंगरीटोन गांव के वुशीडांग निवासी जाहिद हुसैन (पिता नुरूल हकीम) एवं मो जावेद उर्फ मो नूर (पिता अमिर हकीम) डिटेंशन सेंटर की खिड़की तोड़कर फरार हो गये थे. इस संबंध में लौहसिंघना थाना में प्राथमिकी दर्ज है. फरार दोनों म्यांमार निवासियों की खोज के लिए तत्कालीन एसपी ने कमेटी का गठन किया था, लेकिन कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा. इसी प्रकार 13 सितंबर 2020 को डिटेंशन सेंटर में बंद एक विदेशी नागरिक फरार हो गया था. उसे भी खोज निकालने में पुलिस को अबतक कोई सफलता नहीं मिली है.
डिटेंशन सेंटर का भवन पुराना व जर्जर
हजारीबाग केंद्रीय कारा परिसर स्थित एक पुराने और जर्जर आवास का इस्तेमाल डिटेंशन सेंटर के रूप में किया जा रहा है. दो कमरे में डिटेंशन सेंटर संचालित है. भवन की छत में एसबेस्टस शीट लगी है. बाह्य सुरक्षा के लिए दीवार के ऊपर कंटीला तार लगा हुआ है. दोनों कमरे में विदेशी नागरिकों को रखा जाता है. जबकि भवन के बरामदे में सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.
एसपी करते हैं सुरक्षा की मॉनीटरिंग
डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा अौर रख-रखाव की मॉनीटरिंग जिला के एसपी करते हैं. जबकि पुलिस केंद्र से सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति होती है. जानकारी के अनुसार डिटेंशन सेंटर का इंचार्ज हवलदार रैंक के पुलिसकर्मी होते हैं. जेल प्रशासन के अनुसार डिटेंशन सेंटर का कोई मैनुअल नहीं है.
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