हजारीबाग. समर कैंप कार्यक्रम के तहत पुराना समाहरणालय परिसर में शनिवार को प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों और कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया. उद्घाटन जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा और एमटीसी प्रभारी पदाधिकारी सुभाष प्रसाद ने किया. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि समर कैंप कार्यक्रम राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत 0-59 माह तक के कुपोषित बच्चों का समुदाय आधारित प्रबंधन का क्रियान्वयन किया जाना है. राज्य स्तर के मास्टर ट्रेनर्स द्वारा जिला और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया. समर कैंप के तहत छह माह से 59 माह तक के कुपोषित बच्चों की पहचान और प्रबंधन किया जायेगा. जन्म से छह माह के बच्चों में कुपोषण होने के खतरे की पहचान, जन्म से 59 माह तक के मध्यम और गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान करना, समर कार्यक्रम के अंतर्गत अनुश्रवण और मूल्यांकन किया जायेगा. इस अभियान के तहत कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से प्रबंधन किया जायेगा. चिकित्सीय जटिलता या भूख की कमी वाले अति गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण उपचार केंद्र रेफर किया जायेगा. समर कार्यक्रम अंतर्गत 0-5 वर्ष तक के गंभीर कुपोषित बच्चों की 11 चरणों में समुदाय स्तर पर पहचान और प्रबंधन किया जायेगा. प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नीलू रानी, महिला पर्यवेक्षिका रागिनी कुमारी, यूनिसेफ के स्टेट को-ऑर्डिनेटर अजय कुमार वर्मा और समिता मंडल, जिला समाज कल्याण की अनुभा श्वेता होरो, अभिषेक कुमार सिंह, विजय कुमार दास समेत अन्य लोग शामिल थे.
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