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विश्व साक्षरता दिवस : साक्षरता दर बढ़ाने में बड़कागांव प्रखंड को राज्य में अव्वल दर्जा

साक्षरता के मामले में बड़कागांव प्रखंड पूरे राज्य में विशिष्ट पहचान बनाई है .यहां के बीपीएम विशेश्वर राम एवं उत्प्रेरक व वॉलिंटियर शिक्षकों के बलबूते साक्षरता दर के मामले में बड़कागांव प्रखंड पूरे झारखंड राज्य में 2012 से लेकर 2018 तक अव्वल दर्जा प्राप्त किया

संजय सागर, बड़कागॉव : साक्षरता के मामले में बड़कागांव प्रखंड पूरे राज्य में विशिष्ट पहचान बनाई है .यहां के बीपीएम विशेश्वर राम एवं उत्प्रेरक व वॉलिंटियर शिक्षकों के बलबूते साक्षरता दर के मामले में बड़कागांव प्रखंड पूरे झारखंड राज्य में 2012 से लेकर 2018 तक अव्वल दर्जा प्राप्त किया . यहां साक्षरता अभियान की शुरुआत 1996 में हुआ था. बड़कागांव प्रखंड के कुल जनसंख्या 1,10 958 है .जिसमें से अब तक मात्र 7787 लोग ही निरक्षर रह गए हैं. यहां कुल 77.13% साक्षरता दर है.इसमे से पुरुष साक्षरता 55% एवं महिला साक्षरता प्रतिशत दर 48% है

बड़कागांव प्रखंड के बीपीएम विशेश्वर राम ने बताया कि साक्षरता के मामले में बेहतर काम करने को लेकर 15 नवंबर 2008 को राज्य सरकार द्वारा राजकीय पुरस्कार दिया गया था. एवं साक्षरता कर्मियों द्वारा मतदाता दर बढ़ाने में भी हजारीबाग जिले में उत्कृष्ट पुरस्कार 25 जनवरी 2013 को उपायुक्त द्वारा दिया गया था.

7778 लोग निरक्षर रह गए : बड़कागॉव प्रखंड में ‘साक्षर भारत’ कार्यक्रम की अवधि समाप्त होने के बावजूद पंद्रह या इससे अधिक आयु वर्ग के लगभग 7,787 लोग निरक्षर हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां इस आयु वर्ग के लगभग 37 396 लोग निरक्षर थे. इनमें से29,609 लोगों को इस कार्यक्रम के तहत साक्षर करते हुए उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से आकलन परीक्षा लेकर साक्षर होने को प्रमाणपत्र दिया गया है.

राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा संचालित ‘साक्षर भारत’ कार्यक्रम के दौरान अबतक बड़कागांव प्रखंड में प्राइस पंचायतों में साक्षर भारत कार्यक्रम का केंद्र स्थापित किया गया है. प्रखंड के संचालक प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक विशेश्वर राम है टाइप साक्षरता केंद्रों का देखभाल करने के लिए 46 उत्प्रेरक हैं इन्हें देखभाल करने के लिए साइकिल मिला हुआ है पैसा खाता केंद्रों में कुर्सी टेबल अलमीरा हारमोनियम ढोल 22 सिलाई मशीन टीवी आदि सामग्री मिला हुआ है

उल्लेखनीय है कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत शुरू हुए इस कार्यक्रम की अवधि इस साल 31 मार्च 2018 को ही खत्म हो गई थी. इसे 30 सितंबर तक के लिए अवधि विस्तार मिला हुआ था.अगली अवधि विस्तार की कोई सूचना केंद्र से नहीं मिली है.

2017 से मानदेय नहीं मिला : बड़कागांव प्रखंड के बीपीएम विशेश्वर राम ने बताया कि साक्षरता कर्मियों को जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक मानदेय नहीं मिला है .बीपीएम को 6000 एवं उत्प्रेरक को ₹2000 प्रतिमाह मानदेय मिलने का प्रावधान है .जबकि वालंटियर शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलता है. जब मानदेय की मांग पूरे भारत में होने लगी ,तो मामले की जांच पड़ताल को लेकर 2018 में ही स्थगित कर दिया गया. तब से साक्षरता अभियान का कार्य नहीं हो रहा है.

Post by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
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