बस मालिक ने प्रफुल्ल पांडेय के खिलाफ सीतारामडेरा थाना में दर्ज करायी प्राथमिकी
एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के फर्जी परमिट बनाकर डकार गये लाखों रुपये : रईस आलम
Jamshedpur News :
बंगाल जाने वाली बसों के फर्जी परमिट तैयार कर लाखों की ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है. इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब भुइयांडीह स्थित बस पड़ाव से बंगाल के लिए रवाना हुई कारवां ट्रांसपोर्ट की बस को पुरुलिया आरटीओ ने जांच के दौरान पकड़ लिया. कागजातों की जांच में पता चला कि बस का परमिट व टैक्स से संबंधित दस्तावेज फर्जी हैं. इसके बाद वाहन को जब्त कर पुलिस को सौंप दिया गया.कपाली के बंदुगोड़ा निवासी बस मालिक रईस आलम को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने अपनी अन्य पांच बसों का परिचालन रोककर दस्तावेजों की जांच की. जांच में सामने आया कि उनकी सभी बसों के परमिट व टैक्स दस्तावेज फर्जी हैं, जो मानगो के प्रफुल्ल पांडेय द्वारा तैयार किये गये थे. रईस के मुताबिक, करीब पांच वर्षों से यह खेल चल रहा था. उन्होंने बताया कि प्रफुल्ल ने ही बंगाल आरटीओ से सेटिंग के आधार पर हर बार टैक्स टोकन उपलब्ध कराया.जब रईस ने प्रफुल्ल से इस फर्जीवाड़े के बारे में पूछा तो वह मुकर गया. दबाव के बाद प्रफुल्ल ने पुरुलिया में फंसी बस को खुद फाइन भरवाकर छुड़वाया. इस घटना के बाद रईस ने कोलकाता जाकर परमिट टैक्स संबंधी भुगतान की जानकारी हासिल की, तो उन्हें मालूम चला कि उनकी तरह डेढ़ दर्जन से अधिक गाड़ियों के परमिट, जो जमशेदपुर आसपास से चलती हैं, फर्जी हैं. पैसा लेकर उन्हें फर्जी चालान-सरकारी मुहर लगाकर रसीद प्रदान की जा रही थी. इस मामले की जानकारी रईस ने जमशेदपुर के कई प्रमुख ट्रांसपोर्टरों को भी दी, जिनका परमिट-टैक्स भरने का काम प्रफुल्ल पांडेय करता है. अब तक की जानकारी के अनुसार भुइयांडीह बस स्टैंड से एक दर्जन बसों के फर्जी परमिट बनाकर उनका पैसा हजम कर लिया गया है.एसआइ सूरज प्रसाद को मिला फर्जीवाड़ा की जांच का जिम्मा
पैसे नहीं लौटाने पर रईस आलम ने सीतारामडेरा थाना में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. उन्होंने पुलिस से फर्जीवाड़ा का खुलासा करने, बकाया राशि दिलवाने व इस रैकेट से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. सीतारामडेरा थाना में कई धाराओं में केस दर्ज कर थाना प्रभारी ने एसआइ सूरज प्रसाद को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा है. थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी फरार है, उसकी गिरफ्तारी के बाद मामले में अहम जानकारी सामने आयेंगी. रईस आलम ने लिखित शिकायत में यह भी बताया कि उनके द्वारा पैसों की लगातार मांग किये जाने के बाद प्रफुल्ल पांडेय ने सहयोगी इमरान खान, बस एजेंट रामकुमार व डब्लू सिंह के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज कराया, जिसमें उन्हें जमानत लेनी पड़ी. सीतारामडेरा थाना को फर्जीवाड़ा संबंधी पूरा विवरण, फोन पर हुए लेन-देन और बातचीत का रिकॉर्ड पेन ड्राइव में सेव कर सौंपा है.आरटीओ कार्यालय से साठगांठ का आरोप
रईस ने कहा कि प्रफुल्ल की बंगाल के आरटीओ कार्यालय से मजबूत साठगांठ है. जिस गाड़ी का परमिट फर्जी था, उसका नियमित टैक्स टोकन भी वही दिला रहा था. जबकि नियम के मुताबिक, पुराने टैक्स भुगतान के बिना नया टैक्स स्वीकार नहीं होता. उन्होंने इस संबंध में आरटीआई दाखिल की है, जिसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है