पटमदा के बांगुड़दा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका उच्च विद्यालय का मामला
जिला शिक्षा विभाग ने शुरू की कार्रवाई 48 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा
JAMSHEDPUR :
पटमदा के बांगुड़दा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका उच्च विद्यालय की शिक्षिका द्वारा सोमवार को प्लस टू की नौ छात्राओं को 200 बार उठक-बैठक करवाने के मामले में जिला शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है. विभाग ने मंगलवार को वार्डेन समेत तीन शिक्षिकाओं को शोकॉज किया और 48 घंटे में जवाब मांगा. पत्र में कहा कि जब उक्त शिक्षिका द्वारा छात्राओं को उठक-बैठक करवाया जा रहा था, तो वे तीनों कहां थीं. उन्होंने क्यों नहीं रोका. साथ ही, मामले में विभाग के स्तर पर भी जांच शुरू कर दी गयी है. जांच में सामने आया कि जिस शिक्षिका ने 10 मिनट देर से आने पर छात्राओं को 200 बार उठक-बैठक करने का आदेश दिया था, वह संविदा पर बहाल हुई थी. उसे प्रबंधन समिति द्वारा बहाल किया गया था.मोहिता को एमजीएम रेफर किया
सोमवार को उठक-बैठक करने वाली चार छात्राओं प्रियंका महतो, अष्टमी महतो, दयावती प्रमाणिक, पूर्णिमा महतो को मंगलवार को अस्पताल से रिलीज कर दिया गया. डॉक्टरी जांच के क्रम में पाया गया कि नाश्ता करने के तत्काल बाद उठक-बैठक करने की वजह से उन्हें परेशानी हुई थी. इधर, एक अन्य छात्रा मोहिता महतो को भी मंगलवार की सुबह एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया. मोहित पटमदा की हुड़ूमबिल गांव की रहने वाली है. मोहिता की सांस फूलने व बदन खींचने पर स्कूल की वार्डन रजनी मुर्मू ने उसे पटमदा सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया. उसके जांघ में खिंचाव आ गया था. वह चल नहीं पा रही थी. साथ ही, उसे काफी दर्द हो रही थी. अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. मालूम हो कि सोमवार को स्कूल की प्लस टू की कुछ छात्राएं उपवास रहकर मंदिर में पूजा-अर्चना करने गयी थी. प्रार्थना सभा में समय पर नहीं पहुंचने पर क्लास टीचर ने उन्हें दंडित किया था.प्लीज सर, शिक्षिका को बर्खास्त मत कीजिए
सोमवार की शाम घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार एमजीएम अस्पताल पहुंचे. यहां छात्राओं की स्थिति देखने के बाद उन्होंने आरोपी शिक्षिका को बर्खास्त करने से संबंधित कार्रवाई करने की बात कही. इस दौरान वे छात्राएं, जिन्हें शिक्षिका ने 10 मिनट देर आने पर 200 बार उठक-बैठक करने की सजा दी, उनके पक्ष में छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावकों ने भी कहा कि टीचर ने भले गलत किया है, लेकिन किसी को बर्खास्त नहीं किया जाए. अभिभावकों ने बच्चियों को दो दिन के लिए घर ले जाने की अपील की. जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उन्हें इजाजत दे दी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है