Jamshedpur news.
माझी परगना महाल बाखूल पावड़ा घाटशिला में रविवार को माझी परगना महाल पावड़ा तोरोप कोयें नाखा का एक दिवसीय सामाजिक सम्मेलन देश परगना बाबा बैजू मुर्मू के अध्यक्षता में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में 55 गांव के माझी बाबा सहित पारानिक, गोडेत, जोग माझी व समाज के महिला पुरुष पारंपरिक परिधान में शामिल हुए. मौके पर देश परगना बैजू मुर्मू ने कहा कि हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि माझी बाबा छोटी-छोटी बातों को लेकर लोगों को सामाजिक बहिष्कार (असहयोग) जैसे फैसला सुना रहे हैं. इस तरह का फैसला देने से बचने का प्रयास करें. समस्या चाहे जितनी भी जटिल हो, उसका समाधान हर हाल में निकाला जाना चाहिए. समाज लोगों को जोड़ता है, ना कि तोड़ता है. माझी बाबा गांव के धर्मपिता होते हैं, उनके नजर में हरेक व्यक्ति उनकी प्रजा है. उन्होंने कहा कि माझी बाबा किसी तरह के लोभ-लालच से दूर रहें. साथ ही राजनीतिक भावना से ऊपर उठकर काम करें. ग्रामीणों में अपना व पराया का फर्क बिलकुल नहीं करें. माझी बाबा अपने-अपने गांव की समस्याओं को समाधान करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में सामाजिक व्यवस्था के तहत विचार व्यवस्था में स्थापित नियमावली का अनुपालन करते हुए उच्च स्तर पर भेजें, ताकि समाज के लोगों को न्याय मिले. संताल समाज की मातृभाषा संताली है, इसलिए अपनी मातृभाषा की लिपि ओलचिकी लिपि में पठन-पाठन करें. इसे लेकर जल्द ही माझी परगना महाल का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर एक मांग पत्र सौंपेंगा.इस दौरान कई प्रस्ताव पारित भी पारित किया गया. सम्मेलन में तोरोप परगना बाबा हरिपोदो मुर्मू, दसमत हांसदा, चंद्राय हांसदा, देश पारानिक बाबा दुर्गाचरण मुर्मू, मर्शाल मुर्मू, सांखो मुर्मू, बिरेन टुडू, जगदीश बास्के, मातु मार्डी, भादो मुर्मू, हरि बेसरा, लिटा हेंब्रम, तुलसी हांसदा, पितांबर सोरेन, राम किस्कू, दुर्गा टुडू, लोपसा सोरेन, श्याम मुर्मू, सुनील मुर्मू समेत काफी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.
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