Jamshedpur news.
एक जुलाई 2025 से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) रिटर्न भरने के नियम बदल जायेंगे. जीएसटीएन (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क) ने सूचना जारी की है. इसके अनुसार अब आप पुराने जीएसटी रिटर्न तीन साल बाद नहीं भर पायेंगे. इसका मतलब है कि अगर आप मासिक या सालाना रिटर्न भरने में देरी करते हैं, तो आपके पास सिर्फ तीन साल का समय होगा. जुलाई 2025 से जीएसटी पोर्टल पर यह नियम लागू हो जायेगा, हालांकि इस नियम पर जानकारों ने चिंता जताई है. सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष सह टैक्स मामलों की जानकार अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने इस मामले में पिछले दिनों जीएसटी काउंसिल को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए फिर से विचार करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अचानक इस तरह बंद कर दिया जाना ठीक नहीं होगा. अगर किसी का वास्तविक मामले को यदि विभाग ने कैंसिल कर दिया हो और उसका केस चल रहा हो, तो ऐसी स्थिति में वह क्या करेगा. इस मामले में अभी तक काउंसिल ने किसी तरह का रिप्लाई नहीं किया है. सिंहभूम चेंबर इन चिंताओं पर अपनी गंभीरता व्यक्त करते हुए फिर से काउंसिल को पत्र लिखेगा. यह बदलाव फाइनेंस एक्ट, 2023 के तहत किया गया है. इसका मकसद है कि लोग समय पर रिटर्न भरें और पुराने बकाया को खत्म किया जा सके. यह नियम कई तरह के रिटर्न पर लागू होगा. इनमें जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-3बी, जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-5, जीएसटीआर-5ए, जीएसटीआर-6, जीएसटीआर-7, जीएसटीआर-8 और जीएसटीआर-9 शामिल हैं. इन रिटर्न में बिक्री की जानकारी, टैक्स भुगतान और सालाना जानकारी शामिल होती है.टैक्स भरने वालों को सलाह
जीएसटीएन की सूचना में कहा गया है कि रिटर्न भरने की समय सीमा तीन साल बाद खत्म हो जायेगी. यह नियम जीएसटी पोर्टल पर जुलाई 2025 से लागू होगा. टैक्स भरने वालों को सलाह दी गयी है कि वे अपने रिकॉर्ड को ठीक करें और जो भी रिटर्न बाकी हैं, उन्हें तुरंत भर दें. ऐसा न करने पर आप फिर कभी रिटर्न नहीं भर पायेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है