जाकिरनगर ईस्ट स्थित खानकाह शर्फ में शाह अहमद अली फिरदौसी की बरसी में उमड़े अकीदतमंद
Jamshedpur News :
जाकिरनगर ईस्ट स्थित खानकाह शर्फ में गुरुवार को शाह अहमद अली फिरदौसी की पांचवीं बरसी श्रद्धा पूर्वक मनायी गयी. कुरानख्वानी के बाद चादरपोशी की गयी. मिलादुन्नबी का आयोजन खानकाह के सज्जादानशीं मौलाना शाह हस्सान अहमद उस्मानी की अध्यक्षता में किया गया. कार्यक्रम का आगाज कारी अली अशरफी के कुरान पाक के पाठ से हुआ. कारी अली ने मनकबत की रचना प्रस्तुत किया सूरज से यूं आंख मिलाना मुश्किल क्या नामुमकिन है, दुनिया से इस्लाम मिटाना मुश्किल क्या नामुमकिन है. ओडिशा के शायर जाकिर हुसैन ने मनकबत पेश किया नूरी चेहरा कुरान वाले, शाह अहमद बड़ी शान वाले. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ओडिशा से आये मौलाना अब्दुल हफीज नूरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिस ने नबी की बात नहीं सुनी, जमाना उसकी बात नहीं सुनता है. कार्यक्रम में का संचालन मौलाना इरफान उसमानी ने किया. फातिहाख्वानी व सलातो स्लाम के बाद मौलाना हस्सान उसमानी ने दुआएं की. महफिल ए समा में फिरोज फिरदौसी व तनवीर अहमद आसवी कव्वाल ने शानदार रचना पेश करते हुए कहा मुराशिद तेरे करम के सिर पर है तेरे साये, जिस पर नजर डालू तू ही नजर आये. मो. फरीद, रवि शंकर, अलीम अलबेला कव्वाल की टीम में शामिल थे. बाद नमाज जोहर लंगर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अमीन फिरदौसी, नूरजमां फिरदौसी, जियाउल कमर फिरदौसी, मुस्तफा फिरदौसी, मो अब्बास अली, फहीम फिरदौसी, बबलू चिश्ती सहित अन्य अकीदतमंद उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है