आंखों में सूखापन तब होता है, जब आंखें पर्याप्त आंसू नहीं बना पातीं
Jamshedpur News :
आंखों में सूखापन और सूजन, दोनों भले ही अलग-अलग समस्याएं हों, लेकिन अगर ये एक साथ दिखाई दें तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. यह बात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक केडिया ने रविवार को गोलमुरी स्थित एक होटल में जमशेदपुर ऑप्थल्मोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने बताया कि आंखों में सूखापन तब होता है, जब आंखें पर्याप्त आंसू नहीं बना पातीं, जिससे जलन, खुजली और असहजता महसूस होती है. वहीं, आंखों में सूजन एलर्जी, संक्रमण या किसी अन्य रोग के कारण हो सकती है. यदि दोनों लक्षण एक साथ हों तो इलाज जरूरी हो जाता है. ऐसे मामलों में साइक्लोस्पोरिन दवा लाभकारी साबित हो सकती है. डॉ. केडिया ने कहा कि आजकल की जीवनशैली, बढ़ता स्क्रीन टाइम और नींद की कमी भी सूखी आंखों की बड़ी वजह है. उन्होंने सलाह दी कि ड्राई आई के इलाज में कम से कम तीन महीने तक नियमित रूप से आंखों में दवा डालनी चाहिए और जरूरत पड़े तो यह अवधि और बढ़ाई जा सकती है. नेत्र स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और तनावमुक्त जीवन जरूरी है. इस सेमिनार में डॉ एस के मित्रा, डॉ अजय गुप्ता, डॉ विभूति भूषण, डॉ राकेश ने भी अपने अनुभवों की जानकारी दी. वहीं कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ सिंघल, डॉ बीपी सिंह, डॉ नीतेश सहित एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी सहित शहर के कई नेत्र रोग विशेषज्ञ उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है