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जमशेदपुर में बाढ़, 6 हजार से अधिक मकान डूबे, नदी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर

jamshedpur : जमशेदपुर में शुक्रवार की रात हुई तेज बारिश और ओडिशा, चांडिल, डिमना डैम के फाटक खोले जाने के बाद सुवर्णरेखा और खरकई नदी उफान पर हैं. इस कारण जमशेदपुर के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं. शहर के करीब 6 हजार से अधिक मकान डूब चुके हैं. जिला प्रशासन, एनडीआरएफ समेत तमाम सामाजिक संस्थाओं के लोग बाढ़ से लोगों को बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं. सारे लोगों को ऊपरी इलाके में पहुंचाया गया है. कहीं से कोई जान माल के नुकसान की बात सामने नहीं आयी है. वैसे देर रात तक नदी का स्तर लगातार बढ़ता रहा. आकलन के मुताबिक, बाढ़ जैसे हालात अभी और रह सकते हैं. वैसे लोगों के लिए राहत की बात यह है कि बारिश रुक गयी है और अब सबको डैम के फाटक के बंद होने का इंतजार है. बाढ़ के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खरकई और सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर बह रहा है. खरकई नदी का आदित्यपुर पुल के पास नदी का जलस्तर 135.400 मीटर है, जबकि इस नदी का खतरे का निशान 129 मीटर है. वहीं, सुवर्णरेखा नदी का जलस्तर मानगो पुल के पास 124.22 मीटर है, जबकि इस नदी का खतरे का निशान 121.50 मीटर है. सुवर्णरेखा नदी खतरे के निशान से करीब 2.72 मीटर ऊपर से बह रहा है, जबकि खरकई नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 6.4 मीटर के ऊपर बह रहा है. नदी के जलस्तर का एक और स्थान पर पता लगाया जा रहा है. गजिया बराज के पास नदी का जलस्तर 139.3 मीटर है, जबकि इसका स्टिल लेवल 130 मीटर है.

चांडिल और डिमना डैम खोला गया, सारे बराज का फाटक खुला

लगातार हुई बारिश के कारण चांडिल डैम को भी खोला गया है. इस कारण नदी का जलस्तर और तेजी से बढ़ रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, चांडिल डैम का वर्तमान वाटर लेवल 180.48 मीटर है. इसके आठ गेट को खोला गया है. इसमें से चार गेट 1.50 मीटर जबकि चार गेट 0.5 मीटर पर खोला गया है, जिससे 762.39 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है. वहीं, अब तक 775.88 क्यूमेक पानी इससे छोड़ा जा चुका है. इसी तरह डिमना डैम का एक फाटक को देर शाम को खोला गया. डिमना डैम का भी जलस्तर तेजी से बढ गया, जिसके बाद इसको खोला गया है. अगर जलस्तर कम नहीं हुआ तो और भी पाटक खोले जा सकते है. इसी तरह गालूडीह बराज के सारे 13 स्पिल गेट खोल दिये गये है. 8218.76 क्यूमेक्स पानी इसके जरिये छोड़ा गया है.

लगातार हुई बारिश और पहाड़ों से नदी तक पहुंचे पानी से बने हालात

बताया जाता है कि लगातार हुई बारिश और पहाड़ों से नदी का पहुंचा पानी ने जलस्तर को काफी तेजी से बढ़ाया है. पूरे कोल्हान के सारे नदी में जलस्तर बढ़ता गया है. बताया जाता है कि सारंडा, दलमा समेत तमाम पहाड़ों से काफी पानी तेजी से आया और बीती रात हुई लगातार बारिश के कारण हालात और बदतर होते गये और सारे नदी लबालब भर गये.

रात दस बजे से सुबह 10 बजे तक 69.6 एमएम बारिश, सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक सिर्फ 0.4 एमएम बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, बीती रात ही सबसे ज्यादा बारिश हुई है. मौसम विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, बीती रात दस बजे से सुबह 10 बजे तक 69.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी. वहीं, सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक सिर्फ 0.4 मिलीमीटर बारिश हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, दो दिनों तक लोगों को बारिश से राहत मिल सकती है. इसके बाद फिर दो दिनों के बाद बारिश संभव है.

बागबेड़ा, कदमा, सोनारी, जुगसलाई समेत कई इलाके जलमग्न

लगातार हुई बारिश के कारण डूब क्षेत्रों के अलावा निचले इलाके के कई बस्ती जलमग्न हो गयी हैं. कई सारे फ्लैट भी जलमग्न हुए हैं. कदमा के ग्रीन पार्क, गणेश वाटिका, आस्था विजय फ्लैट और आसपास नाला के बंद होने के कारण पूरी तरह बाढ़ से डूब गया. वहीं, कदमा शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर 1, 3, 6 समेत अन्य इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है. बागबेड़ा नया बस्ती, बाबाकुटी, शिवनगर, सिदू कान्हू बस्ती, रेलवे सोसाइटी, रिवर व्यू कॉलोनी, जुगसलाई गरीब नवाज कॉलोनी, इस्लामनगर, हबीबनगर और आसपास के एरिया, जुगसलाई के शिव घाट के पास का गोदाम वाला एरिया डूब गया है. इसके अलावा बिष्टुपुर का होटल अलकोर के पास वाली सड़क के ऊपर से नाला बह रहा है. इस कारण उक्त सड़क को भी बंद कर दिया गया है. सोनारी आदर्शनगर सोसाइटी समेत कई इलाके में बाढ़ का पानी घुसा है. मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड, कुंवर बस्ती के पास नाले का पानी दो फीट ऊपर बहने से आवागमन शनिवार की सुबह से बंद रहा. कपाली थाना मार्ग पर भी सड़क पर पानी जमा होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मानगो कपाली लिंक रोड, करीम सिटी कॉलेज, हड्डी गोदाम, रामनगर, श्यामनगर, कुंवर बस्ती, चाणक्यपुरी, शांति नगर सहित अन्य इलाकों के 610 से अधिक घरों में पानी घुस गया.

एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला, डीसी करते रहे मॉनिटरिंग

जिले में आयी बाढ़ के कारण एनडीआरएफ की टीम को उतारा गया. कई एरिया में एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला. टाटा स्टील के गोताखोरों की भी मदद ली गयी थी. डीसी कर्ण सत्यार्थी खुद पूरे हालात की मॉनिटरिंग करते हुए नजर आये.

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