नशाखुरानी गिरोह से जुड़ी अहम जानकारी
1. यह गिरोह पहले दोस्ती करता है2. यह गिरोह साथ में बिस्कुट रखता है. खास तौर पर क्रीम बिस्कुट, जिसमें एक बिस्कुट को दूसरे बिस्कुट को अलग कर क्रीम वाले जगह पर नशा का पाउडर डाल दिया जाता है. उसके बाद पहला बिस्कुट वे लोग खाते हैं, दूसरा अपने साथी को देते हैं और तीसरा आपको ऑफर करते हैं. तीसरा बिस्कुट ही नशीला होता है. 3. खगड़िया और जामताड़ा के लोग इसमें ज्यादातर शामिल होते हैं, जो स्टेशन के आसपास और ट्रेनों में सफर करते समय दोस्ती करते हैं4. नशाखुरानी गिरोह के लोगों के नाखून बढ़े होते हैं, जिससे वे लोग नाखून में पाउडर के एक हिस्से को रखते हैं और जब चाय देते हैं, तब चाय में अपनी उस उंगली को टच करते हैं, ताकि वह चाय नशायुक्त हो जायेयात्री ऐसे रखें अपना ध्यान
1. अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें2. अगर दोस्ती हो भी जाये, तो खाना-पीना अपना-अपना ही करें3. यूनिफार्म और आइडी कार्ड वाले से ही खाद्य सामग्री ट्रेन या स्टेशन से खरीदें
Jamshedpur News :
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर नशाखुरानी गिरोह सक्रिय हो गया है. टाटानगर आरपीएफ ने तीन दिन पहले इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान जामताड़ा जिले के निरंजन मंडल उर्फ छानो मंडल और विदुर मंडल के रूप में हुई थी. उनके पास से बेहोशी की 113 एटी वन 2 एमजी गोलियां बरामद की गईं. पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे चक्रधरपुर रेल मंडल क्षेत्र में फिर से सक्रिय हो चुके हैं और यात्रियों को निशाना बना रहे हैं. हालांकि, आरपीएफ का मानना है कि हाल के दिनों में इस तरह के केस में कमी आयी है. आरपीएफ की जांच में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य ट्रेन यात्रा के दौरान पहले यात्रियों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें चाय, बिस्किट या अन्य खाद्य सामग्री में नशीली दवा मिलाकर दे देते हैं. बेहोश होते ही उनका कीमती सामान लेकर फरार हो जाते हैं. ऐसे गिरोह आमतौर पर उन्हीं यात्रियों को निशाना बनाते हैं जो मिलनसार होते हैं और जिनके पास महंगे लगेज होते हैं.ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर कई गिरोह सक्रिय हैं, जो अलग-अलग तरीके से पैसेंजरों का कीमती सामान उड़ाने की फिराक में रहते हैं. लंबी दूरी हो या नजदीक का सफर, ऐसे गैंग घात लगाये बैठे रहते हैं. छह महीने पहले यूपी से एक बुजुर्ग टाटानगर लौट रहे थे. रास्ते में नशाखुरानी गिरोह ने उन्हें अपना शिकार बनाया और उनका सूटकेस, कैश और गोल्ड चेन लेकर फरार हो गए. इस तरह की वारदात अक्सर सामने आ जाती है.
एसी कोच भी सुरक्षित नहीं
टाटानगर आरपीएफ और जीआरपी की मानें तो ऐसे गिरोह एसी कोच को भी नहीं छोड़ते. ये महंगी ट्रेन के एसी डिब्बों में सफर कर रहे अमीर यात्रियों को निशाना बनाते हैं. करीब दो साल पहले भी टाटानगर स्टेशन से एक गिरोह को पकड़ा गया था, जो बैग और सूटकेस चुराने के औजार लेकर चलता था और वारदात के बाद ट्रेन से उतर जाता था.आरपीएफ की अपील, सावधान रहें यात्री
टाटानगर आरपीएफ प्रभारी राकेश मोहन ने यात्रियों से अपील की है कि वे सफर के दौरान पूरी सतर्कता बरतें. किसी अनजान व्यक्ति से खाने-पीने की कोई चीज न लें, अपने सामान पर नजर रखें और लावारिस न छोड़ें. उन्होंने बताया कि यात्रियों की सतर्कता और सुरक्षा बल की निगरानी से मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. सतर्क रहना ही सबसे अच्छा बचाव है. हमेशा लॉक करने वाले बैग लेकर चलें. खास रंग, निशान और स्पष्ट लेवल हो तो ज्यादा अच्छा है. मदद की जरूरत पर सीधे रेल अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है