कैचवर्ड: गांधी आश्रम जल त्रासदी
-स्थानीयों की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा, विधायक ने की राहत और मुआवजे की मांगमुख्य बिंदु:
-50 फीट ऊंचा पानी का फव्वारा, तेज धमाके की आवाज से फैली दहशत-तीन घरों की छतें टूटी, 8 से अधिक घरों में घुसा पानी- लाखों रुपये का घरेलू सामान और राशन नष्ट- टाटा स्टील यूआईएसएल ने अवैध कनेक्शन को बताया जिम्मेदार- विधायक पूर्णिमा साहू ने जिला प्रशासन और कंपनी से तत्काल राहत व पुनर्वास की मांग कीवरीय संवाददाता, जमशेदपुरशुक्रवार दोपहर लगभग 12:30 बजे बाराद्वारी स्थित गांधी आश्रम में बड़ा जल हादसा हुआ, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. अचानक जोरदार धमाके की आवाज के बाद पाइपलाइन से तेज प्रेशर में पानी 50 फीट की ऊंचाई तक फव्वारे की तरह निकलने लगा. इस अप्रत्याशित घटना से आश्रम और आसपास की बस्ती में अफरा-तफरी मच गयी.घरों में तबाही का मंजर
तेज प्रेशर के चलते गांधी आश्रम के तीन कच्चे घरों की छतें टूट गयी, और आठ से अधिक घरों में पानी भर गया. पानी की ताकत इतनी थी कि कई घरों की दीवारों में दरारें आ गयीं. घर में रखे कपड़े, बर्तन, दाल-चावल, राशन व फर्नीचर सब पानी में बह गये. गांधी आश्रम के 12 कमरों में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया. स्थानीय निवासी संतोष कुमार ने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि एक बच्चा नाले में बहने को था, जिसे लोगों ने समय रहते बचा लिया. घर के अंदर खाना बना रही एक महिला और रमेश रजक नामक वृद्ध व्यक्ति को भी लोगों ने आवाज देकर बाहर निकाला.दो घंटे की मशक्कत के बाद बंद की गयी पाइप लाइन
घटना की जानकारी मिलते ही टाटा स्टील यूआइएसएल (पूर्व में जुस्को) की टीम मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद पाइपलाइन बंद की गयी. टाटा स्टील यूआइएसएल प्रबंधन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह पाइपलाइन नदी पंप हाउस से घरेलू और औद्योगिक इकाइयों को पानी पहुंचाती है. उन्होंने अवैध कनेक्शन को पाइपलाइन फटने का कारण बताया, जिससे टाटा मोटर्स, टिनप्लेट, आइएसडब्ल्यूपी, टाटा ट्यूब्स आदि की जल आपूर्ति बाधित हो गयी है. स्थिति को सामान्य करने में 24 घंटे तक लग सकते हैं.प्रभावित परिवार को दिया जाये मुआवजा: पूर्णिमा साहू
घटना की सूचना मिलते ही जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने मामले को गंभीर बताते हुए प्रभावित परिवारों को राहत और मुआवजा देने की मांग की. उन्होंने विधायक प्रतिनिधि गुंजन यादव, पवन अग्रवाल और रंजीत सिंह को मौके पर भेजकर स्थिति का जायजा लिया.विधायक पूर्णिमा साहू ने टाटा स्टील और जिला प्रशासन से अपील की कि वे मानवीय आधार पर प्रभावित लोगों को राशन, रहने की व्यवस्था, कपड़े और पुनर्वास की सहायता तत्काल उपलब्ध कराये. उन्होंने कहा कि “गांधी आश्रम में समाज के सबसे वंचित वर्ग के लोग रहते हैं. यह हादसा उनके लिए बेहद भयावह रहा है. उनके पुनर्वास और मुआवजे की जिम्मेदारी प्रशासन और टाटा स्टील दोनों की है.
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