23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जमशेदपुर : कोर्ट के फैसले अंग्रेजी में होने से 99.9% लोग नहीं समझ पाते, अब 4 भाषाओं में होगा अनुवाद

न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार अंग्रेजी न्यायालय की भाषा है. हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित पक्ष व सरकारी अधिवक्ता अंग्रेजी में बहस करते हैं.

न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार अंग्रेजी न्यायालय की भाषा है. हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित पक्ष व सरकारी अधिवक्ता अंग्रेजी में बहस करते हैं. न्यायाधीश भी अंग्रेजी में अपनी टिप्पणी और निर्णय सुनाते हैं. अंग्रेजी के चलन के कारण आम लोगों को न्यायिक प्रक्रिया समझ में नहीं आती है. यह भी पता नहीं चल पाता कि आखिर वह केस क्यों हार गये. फैसले अंग्रेजी में लिखे होने के कारण 99.99 प्रतिशत लोग समझ नहीं पाते हैं.

उन्होंने कहा कि न्याय प्रणाली का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारों का लाभ दिलाना है. आम लोगों के इसी संवैधानिक अधिकारों को बेहतर तरीके से दिलाने के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाइ चंद्रचूड़ ने निर्देश दिया है कि शीर्ष अदालतों के निर्णयों का अब चार भाषाओं में अनुवाद किये जायेंगे. इनमें हिंदी, गुजराती, उड़िया और तमिल भाषा शामिल हैं. उच्च न्यायालयों में दो न्यायाधीशों की एक कमेटी बनेगी. जिन्हें इन चार भाषाओं में निर्णय सुनाने का अनुभव हो.

न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक ने कहा कि न्याय तक पहुंच, तब तक सार्थक नहीं हो सकता है, जब तक कि आम नागरिक कानून व निर्णय की भाषा को सहजता से समझने में सक्षम न हों. जरूरी है कि निर्णय व बहस उसी भाषा में हो, जिसे आम नागरिक सहजता से बोलते व समझते हैं. न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 348 ( 2) के माध्यम से राष्ट्रपति की सहमति से किसी राज्य के राज्यपाल उच्च न्यायालय में स्थानीय भाषा की अनुमति दे सकते हैं. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व बिहार में न्यायिक प्रक्रियाओं में हिंदी का उपयोग जा रहा. हिंदी को संवैधानिक जनादेश के रूप में स्वीकार किया गया है. उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया में हिंदी के चलन को बढ़ावा देने के लिए संस्थागत प्रयास की बात कही.

Also Read: जमशेदपुर : शीतलहरी से बचाव के लिए कोल्हान को मिले 11 लाख रुपये आपदा फंड

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel