जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ क्षेत्र के सुंडीसोल गांव के युवक कृष्णा सोरेन ने कांस फिल्म फेस्टिवल में अपनी संताली व हिंदी फुललेंथ की फिल्म ”सुंडी: रॉबिन हुड ऑफ संताल्स” के पोस्टर का लोकार्पण किया. इसके साथ ही इस फिल्म के निर्माण की घोषणा की गयी. यह फिल्म पूर्वी सिंहभूम की जिले की एक सच्ची कहानी पर आधारित है. जल्द ही इसकी शूटिंग पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला, धालभूमगढ़, सोनाखून व जमशेदपुर से सटे आसपास के विभिन्न प्रमुख स्थलों में की जायेगी. 78वां वार्षिक कांस फिल्म महोत्सव 13 से 24 मई 2025 तक आयोजित किया जा रहा है. इस बीच गत 18 मई को ”सुंडी: रॉबिन हुड ऑफ संताल्स” का पोस्टर लॉन्च किया गया.
फिल्म के निर्माता एफटीआइआइ (फिल्म एंड टेलीविजयन इंस्टीच्चयूट ऑफ इंडिया) पुणे से 2009 में पास छात्र कृष्णा सोरेन बताते हैं कि वे संतालों की सच्ची घटना पर आधारित कहानी की तलाश में थे. सुंडी एक ऐसा युवक है, जो अन्याय व अत्याचार के खिलाफ अकेले खड़ा होता है. वह गरीब व असहायों के लिए हर तरह से मदद करता है. ”सुंडी: रॉबिन हुड ऑफ संताल्स” की कहानी साहस, समुदाय और बलिदान पर आधारित है. इस फिल्म की कहानी कृष्णा सोरेन व रवि राज मुर्मू ने मिलकर लिखी है. कृष्णा सोरेन इस फिल्म का निर्देशन भी करेंगे और रवि राज मुर्मू सह-निर्देशक की भूमिका में होंगे. इस प्रोजेक्ट को तीन प्रोडक्शन हाउस, दलमा मोशन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड, सफेद हाथी मोशन पिक्चर्स और सांवता स्टूडियो एलएलपी सहयोग प्रदान कर रहे हैं. बताते चलें कि कृष्णा सोरेन वर्ष 2009 से मुंबई में रहकर फिल्म निर्माण से जुड़े हैं. कई फिल्मी दिग्गज कलाकारों के साथ काम भी कर चुके हैं. अब झारखंड की माटी की सच्ची कहानियों पर फिल्म बनाकर देश व दुनिया को दिखाना चाहते हैं.राज्य सरकार फिल्म निर्माण को बढ़ाव दे
कृष्णा सोरेन कहते हैं कि झारखंड सरकार को फिल्म निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए. संताली समेत अन्य जनजातीय भाषाओं में बनने वाली फिल्मों को अनुदान और समर्थन दिया जाना चाहिए. फिल्म निर्माण की दृष्टिकोण से झारखंड बहुत ही सटीक जगह है. यहां फिल्म की शूटिंग के लिए पहाड़, पर्वत, नदी, नाली, जलप्रपात समेत कई दर्शनीय स्थल हैं. झारखंड में भी बॉलीवुड की तरह बड़ी बजट की फिल्म बननी चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है