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Jamshedpur News : ऐसे तो सड़ जायेगा गरीबों का निवाला

Jamshedpur News : झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन (जेएसएफसी) के जर्जर गोदामों में रखा गरीबों का राशन बारिश में सड़ सकता है. जमशेदपुर समेत राज्य के कई हिस्सों में ऐसे गोदाम हैं, जिसकी पिछले 15 वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है.

जेएसएफसी : साकची-बर्मामाइंस समेत अधिकांश जर्जर गोदाम में रखा जा रहा है अनाज

15 साल से गोदामों की नहीं हुई मरम्मत,

मॉनसून के पहले ही टपक रहा पानी

Jamshedpur News :

झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन (जेएसएफसी) के जर्जर गोदामों में रखा गरीबों का राशन बारिश में सड़ सकता है. जमशेदपुर समेत राज्य के कई हिस्सों में ऐसे गोदाम हैं, जिसकी पिछले 15 वर्षों से मरम्मत नहीं हुई है. मॉनसून आने से पहले ही हुई हल्की बारिश ने व्यवस्था की पोल खोल दी है. गोदामों की छत से पानी टपकने लगा. अगर समय पर इसकी मरम्मत नहीं हुई तो आने वाले तीन महीनों (जून से अगस्त) में हालात और गंभीर हो सकते हैं. गरीबों का निवाला सड़ सकता है. साकची और बर्मामाइंस स्थित गोदामों में केवल खानापूर्ति के लिए अनाज की बोरियों को प्लास्टिक शीट से ढंकने की अस्थायी व्यवस्था की गयी है, जो मॉनसून की बारिश के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा सकती. इन गोदामों में हजारों क्विंटल चावल और गेहूं स्टोर किये गये हैं, जो राज्य के विभिन्न प्रखंडों में डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम के जरिये पीडीएस डीलरों को वितरित होते हैं.

पूर्वी सिंहभूम जिले में ही हर महीने लगभग 92 हजार क्विंटल खाद्यान्न का आवंटन होता है, जो कोल्हान क्षेत्र के आठ लाख से अधिक प्राथमिक (पीएच), पौने दो लाख अंत्योदय और 1.11 लाख ग्रीन राशन कार्डधारियों को बांटा जाता है. यदि बारिश में अनाज भीग गया, तो लाखों लोगों को समय पर राशन नहीं मिल पायेगा.

साकची गोदाम में दस सालों से पड़ी है सड़ी दाल

हालात इतने खराब हैं कि साकची गोदाम में पिछले दस सालों से 1100 बोरी सड़ी हुई दाल और बर्मामाइंस में आठ वर्षों से 400 बोरी खराब नमक पड़ी है. खाद्य गुणवत्ता प्रयोगशाला ने इन वस्तुओं को अनुपयुक्त घोषित किया है, फिर भी अब तक इनका निस्तारण या नीलामी नहीं की गयी है. राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक सलमान जफर खिजरी ने बताया कि खराब खाद्यान्न के निस्तारण के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है. जल्द ही मार्गदर्शन के अनुसार कार्रवाई की जायेगी.

टाटा स्टील द्वारा किराये पर उपलब्ध कराये गये गोदामों की मरम्मत के लिए कंपनी से एनओसी नहीं मिल पायी है. बारिश से पहले यदि ठोस कदम नहीं उठाये गये, तो लाखों गरीबों का राशन बर्बाद हो सकता है.

कहां कितने राशन गोदाम

झारखंड राज्य खाद्य निगम के साकची, बर्मामाइंस-2 गोदाम करनडीह (ब्लॉक के पीछे)-2 गोदाम, पोटका-4 गोदाम, पटमदा-2 गोदाम, बोड़ाम में -2 गोदाम, बहरागोड़ा-4 गोदाम, घाटशिला, धालभूमगढ़-2 गोदाम, चाकुलिया, गुड़ाबांधा-1 गोदाम, मुसाबनी, डुमरिया एक-एक कुल 28 गोदाम है.

कोल्हान के किस जिला में अलग-अलग श्रेणी में कितने राशन कार्डधारी

जिला पीएच श्रेणी -अंत्योदय – ग्रीन राशन कार्ड

पूर्वी सिंहभूम 3,79,434 -55,303 – 60,597सरायकेला 1,94,719 -33,680 -22,739पश्चिमी सिंहभूम 2,47,584 -95,375 -31,360

क्या कहते हैं जिम्मेवार अधिकारी

राज्य खाद्य निगम के गोदामों की मरम्मत के लिए लगातार विभाग के वरीय पदाधिकारी से पत्राचार किया गया. विधिवत प्रस्ताव भेजा गया, जिसके बाद जिले को 4.90 करोड़ रुपये का फंड मिला है. जल्द ही खाद्यान्न गोदामों की मरम्मत करायी जायेगी.

सलमान जफर खिजरी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सह जिला प्रबंधक, झारखंड राज्य खाद्य निगम, पूर्वी सिंहभूम.

एक ही परिसर में संचालित है केंदू पत्ता और खाद्यान्न गोदाम

सदर प्रखंड अंतर्गत आत्मा कार्यालय के पास एक हजार एमटी क्षमता वाले खाद्यान्न गोदाम परिसर में ही केंदू पत्ता का भी गोदाम संचालित है, बंगाल के ठेकेदार द्वारा यहां खुले में ही केंदू पत्ता (बीड़ी पत्ता ) को सुखाया जाता है. वहीं बारिश की वजह से कीचड़मय हो गया है. इससे कामगारों व खाद्यान्न उठाव करने वाले पीडीएस दुकानदारों को भी आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पाताहातु में तीन गोदाम, सभी में टपकता है पानी

चाईबासा के पाताहातु गांव में नहर तट पर 2500 एमटी के तीन गोदाम हैं. तीनों गोदाम को मिलाकर इसकी क्षमता 7,500 एमटी खाद्यान्न रखने की है. बारिश के दिनों में तीनों गोदाम में बारिश का पानी टपकता रहता है. वहीं गोदाम परिसर में भी कीचड़मय हो जाता है. यहां से खाद्यान्न उठाव कर जिले के विभिन्न प्रखंडों में भेजा जाता है.

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