जमशेदपुर. सकल जैन संघ की ओर से गुरुवार को 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती मनायी गयी. सुबह साढ़े आठ बजे नरभेराम हंसराज स्कूल बिष्टुपुर से शोभायात्रा निकाली गयी. इसमें भगवान महावीर के गर्भ में आने के बाद माता त्रिशला द्वारा देखे गये चौदह सपने को झांकी के माध्यम से दिखाया गया. ये झांकियां अलग-अलग चौदह कार पर दिखाई गयी थीं. इसके अतिरिक्त महिलाएं भी 14 स्वप्न के प्रतीक को माथे पर लेकर चल रही थीं. सभी स्वप्न चांदी से निर्मित थे, जिसे राहगीर रुक-रुककर देख रहे थे.
चांदी की पालकी में भगवान
करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में सबसे आगे घाड़ी थी. उसके पीछे जीओ और जीने दो, अहिंसा परमो धर्म: जैसे भगवान महावीर के संदेश के बैनर थे. हजारीबाग का बैंड बाजा था. पुरुषों संग आचार्य डॉ पद्मराज स्वामी चल रहे थे. साथ में भक्ति मंडल के कलाकार भजन गाते चल रहे थे. चांदी की पालकी में भगवान महावीर की प्रतिमा थी. इसके पीछे तीन जैन साध्वी चल रही थीं. साथ में छह अलग-अलग संघ के पदाधिकारी थे. सबसे पीछे सफाई गाड़ी थी, जो गंदगी साफ करती चल रही थी. शोभायात्रा नरभेराम हंसराज स्कूल बिष्टुपुर से शुरू हुई. वहां से शांति हरि टावर, बिष्टुपुर थाना, तुलसी भवन के रास्ते पुन: हंसराज स्कूल आकर संपन्न हो गयी.मिलकर रहें सभी संघ
शोभायात्रा के बाद नरभेराम हंसराज स्कूल में सभा हुई. प्रियरंजना श्रीजी ने कहा कि सभी संघों को साथ मिलकर काम करना चाहिए. शाखाएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन काम सामूहिक होना चाहिए. उन्होंने कहा कि गुलदस्ते की तरह रहना सीखिए. उन्होंने साधर्मी गुल्लक के महत्व पर प्रकाश डाला. कहा कि धर्म से जुड़े व्यक्ति की सहायता करना ही साधर्मी कहलाता है. सकल जैन संघ के संयोजक धीरज जैन ने स्वागत भाषण दिया. कार्यक्रम का संचालन सह संयोजक हेमेंद्र जैन ने किया. भरत भाई मंडिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया. मौके पर मुख्य अतिथि डॉ मंदार शाह, मनोज जैन, नकुल भाई कमानी और सभी संघ के अध्यक्ष व अन्य मौजूद रहे.संध्या में हुआ भजन
शाम में जुगसलाई और गोलपहाड़ी मंदिर में भजन हुआ. कमानी जैन भवन बिष्टुपुर में बच्चों की फैंसी प्रतियोगिता हुई. सुबह सभी जैन मंदिरों में भगवान महावीर की पूजा की गयी. भगवान का दूध और जल से अभिषेक किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है