आदिवासी हो समाज ने ओतगुरु लाको बोदरा को उनकी 39वीं पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
Jamshedpur News :
परसुडीह क्षेत्र के जसकनडीह में रविवार को आदिवासी हो समाज के लोगों ने वारंग क्षिति लिपि के जनक लाको बोदरा की 39वीं पुण्यतिथि मनायी. इस दौरान भारी बारिश के बीच कार्यक्रम आयोजित कर जसकनडीह चौक का नामकरण लाको बोदरा के नाम पर किया गया. समाज के लोगों ने पारंपरिक रीति-रिवाज से लाको बोदरा की पूजा-अर्चना की एवं उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान युवा महासभा के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुरा बिरुली, जमशेदपुर प्रखंड के उप प्रमुख शिव कुमार हांसदा, गंगाराम बानरा ने कहा कि लाको बोदरा ने 1940 के दशक में हो भाषा की लिपि की खोज कर उसका विस्तार किया. साथ ही उसका प्रचार-प्रसार भी किया. लिपि के बिना किसी भी भाषा और साहित्य का संवर्धन नहीं हो सकता है. इसलिए सभी छात्र-छात्राओं को निश्चित रूप से अपनी लिपि सीखनी चाहिए. भाषा और साहित्य के उत्थान के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए. इस कार्यक्रम में गंगाराम बानरा, मोना देवगम, सकरु कुंकल, शिव कुमार हांसदा, राहुल हो, रतन सामद, लखींद्र कुंकल, बेतो कुंकल, गुरुचरण सामद समेत अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है