Jamshedpur News :
श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, जमशेदपुर में कोल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से संचालित ‘नन्हा सा दिल बाल हृदय प्रोजेक्ट’ जरूरतमंद बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. हाल ही में इस योजना के तहत तीन बच्चों का नि:शुल्क हार्ट ऑपरेशन कराया गया. ये ऑपरेशन श्री सत्य साईं हॉस्पिटल, नवी मुंबई में किये गये, जिसके बाद तीनों बच्चे स्वस्थ होकर वापस जमशेदपुर लौट आये.330 बच्चों को अब तक मिली नई जिंदगी
अस्पताल की ट्रस्ट ऑफिसर सौम्या ने जानकारी दी कि सितंबर 2022 में जमशेदपुर में शुरू हुए श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल ने अब तक करीब 330 बच्चों का नि:शुल्क इलाज किया है. ‘नन्हा सा दिल’ योजना के अंतर्गत झारखंड के दूर-दराज ग्रामीण इलाकों में कैंप लगाकर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है. जिन बच्चों में जन्मजात हृदय दोष पाया जाता है, उनकी सर्जरी पूरी तरह नि:शुल्क करायी जाती है. आने-जाने, खाने-पीने और रहने का पूरा खर्च अस्पताल प्रबंधन वहन करता है.बच्चों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
हाल ही में तीन बच्चों को सर्जरी के लिए मुंबई भेजा गया था. ऑपरेशन के बाद गुरुवार को वे बिष्टुपुर स्थित श्री सत्य साईं अस्पताल में टांके कटवाने आये थे. स्वस्थ बच्चों के चेहरे पर मुस्कान और उनके परिजनों की आंखों में आभार साफ झलक रहा था.क्या बोले परिजन
गोमिया निवासी राजेश मल्हार के 11 साल के बेटे एस मल्हार के हार्ट में छेद था. इस बात की जानकारी उन्हें उस वक्त हुई, जब वह अपने बेटे को इलाज के लिए सदर अस्पताल बोकारो ले गये. बेटे के दिल में छेद की बात सुनकर वह परेशान हो गये.वह पीतल की मूर्ति, घंटी सहित अन्य चीज बनाकर बेचने का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल के मास्टर ने श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल जमशेदपुर के बारे में बताया. यहां स्क्रीनिंग के बाद मुंबई स्थित श्री सत्य साईं हॉस्पिटल भेज दिया गया. जहां बच्चे का नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ. आने-जाने से लेकर रास्ते में खाना, रहना व ऑपरेशन बिल्कुल नि:शुल्क हुआ. मेरा एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ. रांची के कांके में रहनेवाले मंटू मुंडा की तीन साल की बेटी आरूही मुंडा को सर्दी की शिकायत पर जांच के दौरान दिल में छेद का पता चला. मंटू कुली का काम करते हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि बेटी का ऑपरेशन करा पाते. उन्हें श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के बारे में पता चला. यहां बच्ची की स्क्रीनिंग की गयी, फिर उसकी रिपोर्ट मुंबई भेजी गयी. उसके बाद मुंबई ले जाकर उसका नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया. मंटू ने बताया कि रांची से ही उनका टिकट कराया गया था. मुंबई आने-जाने और रहने-खाने का सारा खर्चा अस्पताल ने उठाया. वह बेटी का ऑपरेशन कराकर वापस आ गये. वह अब पूरी तरह ठीक है. अनगड़ा रांची निवासी सन्नू तांती ने बताया कि वह प्लंबर का काम करते हैं. उसकी दो साल की बेटी स्नेहील के दिल में छेद था. उसको दस्त हो रहा था. डॉक्टर के पास लेकर गये, तो पता चला कि उसके दिल में छेद है. उसके बाद उसका ईको कराया गया, जिसमें इसकी पुष्टि हुई. कहीं से जानकारी मिलने पर श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल, जमशेदपुर से संपर्क किया. जिसके बाद मेरी बेटी का मुंबई में सफल ऑपरेशन हुआ, वह भी नि:शुल्क. वह अब ठीक है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है