जमशेदपुर. बिष्टुपुर गोपाल मैदान में पीएमएफएमइ महोत्सव के दूसरे व अंतिम दिन सोमवार को सरकार से बिजनेस व एक बिजनेस से दूसरा बिजनेस कैसे जुड़े विषय पर कार्यशाला आयोजित की. दो सत्रों में चली कार्यशाला में लाभुकों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया. साथ ही अधिकारियों द्वारा अलग-अलग कारोबार से जुड़ कर आमदनी बढ़ाने के टिप्स दिये गये. इस दौरान योजना से जुड़ी तकनीकी बिंदुओं की भी जानकारी दी गयी. कार्यशाला में महाप्रबंधक-सह-सदस्य सचिव पीएमएफएमइ महोत्सव रवि शंकर प्रसाद, क्षेत्रीय प्रबंधक, झारखंड राज्य, ग्रामीण बैंक श्रीकांत कटारे, इओडीबी प्रबंधक, जमशेदपुर, सैयद मुदस्सर अनवर, इओडीबी प्रबंधक चाईबासा अनिल कुमार, इओडीबी प्रबंधक सराईकला रोहित कुमार, जिला उद्यमी समन्वयक जमशेदपुर मंजू मिंज, जिला उद्यमी समन्वयक, चाईबासा, सरायकेला एडलिन भूतकुवर, एसपीएमयू टीम रांची, महोत्सव में भाग लेने आये पीएमएफएमइ योजना के लाभुक, खाद्य प्रसंस्करण मशीनों के निर्माता व विक्रेता शामिल हुए. वैशाली डेयरी, जमशेदपुर, सीसी सेल्फ ग्रुप, जमशेदपुर, नीलम सोलंकी, पॉली ऑर्गेनिक्स (पुष्पा तिर्की) एवं अन्य लाभुकों ने योजना से जुड़े अपने सुखद अनुभव साझा किये. उनके द्वारा बैंक एवं कार्यालय महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र से प्राप्त सहायता एवं मार्गदर्शन के बारे में बताया गया. साथ ही, मशरूम प्रसंस्करण एवं अन्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों द्वारा मार्केटिंग में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया गया. महाप्रबंधक द्वारा उनसे अपनी पैकेजिंग एवं उत्पाद की गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप करने के संबंध में अमूल मिल्क फेडरेशन का अनुकरण एवं अनुभव अपनाने का आग्रह किया गया. वहीं, गणपति मिल्क प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, चांडिल (अमूल मिल्क फेडरेशन की झारखंड इकाई) ने दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण में उपयोग होने वाली आधुनिक तकनीक एवं सप्लाई चेन के विषय में जानकारी दी.
ऋण संबंधी समस्या के लिए करें संपर्क
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने पीएमएफएमइ ऋण आवेदन करते समय ध्यान रखने योग्य बिंदुओं के संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक ने इस योजना में पूर्वी सिंहभूम सहित संपूर्ण झारखंड में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यदि किसी आवेदक को ऋण संबंधी किसी प्रकार की समस्या आती है, तो वे बैंक शाखा जाकर सीधा उनसे संपर्क कर सकते हैं. कार्यशाला में एसपीएमयू टीम रांची ने तकनीकी सत्र में योजना से जुड़े तकनीकी बिंदुओं पर लाभुक एवं आकांक्षी आवेदकों को विस्तृत रूप में जानकारी दी. ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग के संबंध में भी उनके द्वारा लाभुकों के सवालों के जवाब दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है