Jamshedpur News :
झारखंड सरकार ने राज्य में पिटबुल, रॉटविलर और डोगो अर्जेंटीनो जैसी खतरनाक मानी जाने वाली श्वान की नस्लों के पालन, खरीद-बिक्री और प्रजनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने इन नस्लों को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि ऐसे श्वानों को पालने से पहले संबंधित प्राधिकरण से अनुमति लेनी होगी. नये दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बिना अनुमति ऐसे श्वानों का पालन करता है या उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही से घुमाता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है. आवश्यकता पड़ने पर पालतू जानवर को जब्त कर उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.राज्य सरकार ने सभी पेट शॉप और ब्रीडिंग सेंटर संचालकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य किया है. साथ ही, आम नागरिकों से अपील की गयी है कि यदि उन्हें किसी क्षेत्र में अवैध ब्रीडिंग या बिक्री की सूचना मिले, तो तुरंत पशुपालन विभाग या नगर निगम को सूचित करें. गौरतलब है कि मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने भी 24 आक्रामक नस्लों के श्वान के आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का सर्कुलर जारी किया था. हालांकि, अप्रैल 2024 में दिल्ली हाइकोर्ट ने इस सर्कुलर को खारिज कर दिया था. लेकिन झारखंड सरकार ने इसको लेकर सख्त कदम उठाये हैं.
जमशेदपुर में 40 पिटबुल और 30 रॉटविलर नस्ल के श्वान मौजूद
जमशेदपुर में भी काफी संख्या में डॉग लवर हैं. जमशेदपुर में फिलहाल लगभग 40 पिटबुल और 30 रॉटविलर श्वानों की मौजूदगी की जानकारी मिली है, लेकिन इनमें से कई पशुपालकों ने अब तक अपने श्वानों का पंजीकरण नहीं कराया है.क्या कहता है विभाग
जिला पशुपालन पदाधिकारी का कहना है कि पिटबुल, रॉटविलर समेत अन्य खतरनाक नस्ल के श्वानों को पालने पर पाबंदी है. जो लोग इसको पाल रहे हैं, उनको जिम्मेदारी लेनी ही होगी. अगर ऐसे श्वान पालकों की जानकारी होती है तो कड़ी कार्रवाई होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है