जमशेदपुर. जमशेदपुर स्पोर्टिंग एसोसिएशन (जेएसए) फुटबॉल सब कमेटी ने बाबूलाल सोरेन फुटबॉल एसोसिएशन के खिलाड़ी मोसो हेंब्रम को एक साल के लिए निलंबित कर दिया है. उन पर यह कार्रवाई अनुशासनहीनता के लिए किया गया है. 24 जून को जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बाबूलाल सोरेन फुटबॉल एसोसिएशन व टाटा स्टील के बीच जेएसए प्रीमियर डिवीजन लीग का मैच खेला गया था. इस मैच के 40वें मिनट में बाबूलाल सोरेन फुटबॉल एसोसिएशन के मोसो हेंब्रम रेफरी के एक फैसले के खिलाफ उग्र हो गये थे. और मुख्य रेफरी निशांत भेंगरा से हाथापाई किया था. मोसो के खिलाफ जेएसए के रूल 29 (डारेक्ट वायोलेशन रूल) के तहत कार्रवाई की गयी है. इसके साथ ही जेएसए सब कमेटी ने बाबूलाल सोरेन फुटबॉल एसोसिएशन के टीम प्रबंधन को भी चेतावनी दी है. और कहा है कि अपने खिलाड़ी को काबू में रखे. भविष्य में अगर इस तरह की कोई घटना हुई तो, पूरी टीम को लीग से निलंबित कर दिया जायेगा. मो सईद के निलंबन को खत्म करने की मांग, जेएसए को लिखा क्षमा याजना पत्र जेएसए लीग में पूर्व में भी खिलाड़ी और रेफरी के बीच कई बार झड़प हो चुकी है. प्रीमियर डिवीजन मैच के दौरान 2015 में भी इसी तरह की घटना हुई थी. जब पार्क्स इंडिया के खिलाड़ी मो सईद रेफरी से भिड़ गये थे. उस समय जेएसए फुटबॉल सब कमेटी ने सईद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था. लेकिन, मोसो वाली घटना के बाद मो सईद के निलंबन को खत्म करने की मांग हो रही है. जेएसए लीग के जानकार कह रहे हैं कि दोनों घटना एक तरह की है. तो, एक पर आजीवन प्रतिबंध और एक पर एक साल का प्रतिबंधन क्यों. वहीं, मो सईद ने प्रभात खबर को बताया कि वह अपने प्रतिबंधन को हटाने के लिए कई बार जेएसए को क्षमा याजना पत्र लिख चुके हैं. और उन्होंने ने जेएसए सब कमेटी से अनुरोध किया है कि उनके उपर लगा प्रतिबंध हटा लिया जाये.
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