जोसा काउंसेलिंग की प्रक्रिया 26 जुलाई तक चलेगी, इसके बाद विशेष स्पॉट राउंड की संभावना
Jamshedpur News :
देशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त सीट आवंटन प्राधिकरण (जोसा ) द्वारा काउंसेलिंग प्रक्रिया तीन जून से शुरू हो चुकी है. यह प्रक्रिया आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपल आइटी और सरकारी वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों (जीएफआइटी) में एडमिशन के लिए हो रही है. झारखंड के हजारों छात्र जो जेइइ मेन और जेइइ एडवांस में सफल रहे हैं, अब सीट आवंटन प्रक्रिया की ओर बढ़ चुके हैं. राज्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि यहां से छात्र आइआइटी-आइएसएम धनबाद, एनआइटी जमशेदपुर, ट्रिपल आइटी रांची समेत देशभर के प्रतिष्ठित संस्थानों में एडमिशन लेने की तैयारी में हैं. 9 और 11 जून को दो मॉक सीट एलॉटमेंट जारी किये जायेंगे, जिनके आधार पर छात्र अपनी वरीयताओं में बदलाव कर सकते हैं. अंतिम सीट एलॉटमेंट की प्रक्रिया 14 जून से शुरू होगी. जोसा की काउंसेलिंग प्रक्रिया 6 चरणों में पूरी होगी और प्रत्येक राउंड में छात्रों को ऑनलाइन रिपोर्टिंग व दस्तावेज सत्यापन कराना अनिवार्य होगा. छात्रों को लगातार यह सलाह दी जा रही है कि वे कम से कम 40-50 विकल्प भरें और स्थानीय संस्थानों के साथ-साथ देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों को भी वरीयता में शामिल करें. जोसा काउंसलिंग की यह प्रक्रिया 26 जुलाई तक चलेगी और इसके बाद विशेष स्पॉट राउंड की संभावना भी जतायी जा रही है.फ्रिज, स्लाइड और फ्लॉट के विकल्प को समझें
इंजीनियरिंग संस्थानों के विशेषज्ञों का कहना है कि झारखंड के छात्रों को सीट चयन के दौरान फ्रिज, स्लाइड और फ्लॉट विकल्पों को बेहतर तरीके से समझना होगा. फ्रिज का अर्थ है कि छात्र मौजूदा सीट को स्वीकार करता है और अपग्रेड नहीं चाहता. वहीं, स्लाइड में छात्र उसी कॉलेज में बेहतर ब्रांच का इंतजार करता है, जबकि फ्लॉट का मतलब है कि छात्र बेहतर कॉलेज व ब्रांच के लिए आगे की प्रक्रिया में शामिल रहेगा. सीट विकल्प भरने में जल्दबाजी या गलत चयन भविष्य को प्रभावित कर सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है