वैकल्पिक मार्ग से वाहनों की आवाजाही करने का निर्देश
Jamshedpur News :
लगातार बारिश से टाटा-रांची एनएच 33 और टाटा-पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) मार्ग पर पारडीह काली मंदिर के पास गुरुवार को बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी. पारडीह चौक के नजदीक जलजमाव से एनएच-33 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवागमन बंद कर दिया गया है. जमशेदपुर शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है. यह व्यवस्था अगले आदेश अथवा एनएच-33 के क्षतिग्रस्त हिस्सा के मरम्मत होने तक प्रभावी रहेगा.बहरागोड़ा व घाटशिला की ओर से आने वाले भारी वाहनों के लिए नया मार्ग
बहरागोड़ा व घाटशिला की ओर से आने वाले भारी वाहनों को सुरदा क्रॉसिंग (मऊभंडार) अंडर पास से सुरदा चौक (मुसाबनी-हाता मुख्य मार्ग), हाता चौक टाटानगर रेलवे स्टेशन से आदित्यपुर, कदमा टोल ब्रिज, डोबो नया पुल होते हुए रांची की ओर वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गयी है.रांची की ओर से आने वाले भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग
रांची की ओर से आ रहे भारी वाहनों को कांड्रा से आदित्यपुर, टाटानगर रेलवे स्टेशन, हाता चौक, सुरदा चौक (मुसाबनी हाता मुख्य मार्ग), सुरदा क्रॉसिंग (मऊभंडार) अंडरपास होते हुए बहरागोड़ा व घाटशिला के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने को कहा गया है.टाटा-रांची एनएच 33 पर वाहनों की लगी लंबी कतार
टाटा-रांची एनएच 33 पर जलभराव के कारण गुरुवार को वाहनों की लंबी कतार लग गयी. चांडिल पुलिस ने जमशेदपुर की ओर जा रहे सभी छोटे-बड़े वाहनों को कांदरबेड़ा-दोमुहानी के रास्ते से जमशेदपुर भेजा. फिलहाल, सरायकेला जिला प्रशासन ने एनएच 33 को बंद कर दिया है. जिला प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग निर्धारित किया है. ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए उक्त मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती कर दी है.
जल निकासी के लिए एनएच 33 को काटा
पारडीह-फदलोगोड़ा में जलजमाव के कारण भयावह स्थिति है. इसे देखते हुए सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन की ओर से पांच जेसीबी और पोकलेन से एनएच 33 को काटकर पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इससे आवागमन पूरी तरह बंद है.लोगों ने एनएचएआइ को ठहराया जिम्मेदार, कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों ने इस आपदा के लिए एनएचएआइ को जिम्मेदार ठहराया है. उनका आरोप है कि एनएचएआइ की ओर से चांडिल के आसनबनी से बालीगुमा (डिमना) तक निर्माणाधीन फ्लाइओवर परियोजना के तहत फदलोगोड़ा के पास एक नाले को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया. दो दिन से लगातार बारिश होने से पानी जमा हो गया है, लेकिन जल निकासी का कोई रास्ता नहीं होने से पूरे क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. प्रभावित लोगों ने एनएचएआइ और निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
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