Jamshedpur news.
पंचायत क्षेत्र को नगर निगम में शामिल करने को लेकर आदिवासी समाज का विरोध में स्वर उठने लगा है. इसे लेकर मुखिया संघ, माझी परगना महाल, मानकी-मुंडा व भूमिज मुंडा समाज में आक्रोश है. रविवार को करनडीह दिशोम जाहेरथान प्रांगण में जुगसलाई तोरोप परगना दशमत हांसदा की अध्यक्षता में माझी परगना महाल, जुगसलाई तोरोप के माझी बाबा, पारानिक, गोडेत, जमशेदपुर प्रखंड मुखिया संघ, मानकी-मुंडा व्यवस्था व भूमिज मुंडा समाज की एक बैठक हुई. बैठक में नगर निगम विस्तार के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने का जिला प्रशासन द्वारा प्रस्तावित योजना की तैयारी कार्य का विरोध, आदिवासियों की सरना धर्म को मान्यता देने और राज्य में पेसा नियमावली को अविलंब लागू करने समेत अन्य कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया. परगना बाबा दशमत हांसदा ने कहा कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 जेड ‘सी’ के तहत नगर निगम, नगरपालिका असंवैधानिक है. वर्तमान में हर आदिवासी परिवार के पास 10 बीघा से भी अधिक जमीन है. नगर निगम बनने से उन्हें बहुत ज्यादा कर देना होगा. आगामी 10 जून को उपायुक्त कार्यालय के सामने आदिवासी समाज ढोल व नगाड़े के साथ विरोध-प्रदर्शन करेगा. स्वशासन व्यवस्था अपनी अस्तित्व को बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. बैठक में धाड़ दिशोम देश पारानिक बाबा दुर्गाचरण मुर्मू, मुखिया संघ के महासचिव कान्हू मुर्मू, माझी बाबा रमेश मुर्मू, सुखराम किस्कू, रेन्टा सोरेन, लेदेम मुर्मू, दिपक मुर्मू, साहिल सोरेन, सुरेश हांसदा, कृष्णा मुर्मू, बिंदे सोरेन मुखिया सरस्वती टुडू, कालिदास टुडू आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है