टाटा मोटर्स में तोते के बाद कौन पर अब तक यूनियन मौन (फ्लैग)
आज टाटा मोटर्स कंपनी से सेवानिवृत्त होंगे अध्यक्ष गुरमीत सिंह
अशोक झा , जमशेदपुर
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते 30 मार्च (रविवार) को कंपनी से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. रविवार को सुबह 11 बजे यूनियन कार्यालय, टाटा मोटर्स प्रबंधन की ओर से 12 बजे टेल्को क्लब में और टाटा मोटर्स के फाउंड्री डिवीजन के कर्मचारियों की ओर से दिन के डेढ़ बजे उन्हें विदाई दी जायेगी.
अध्यक्ष पद से हटने की संभावना बढ़ी :
कंपनी से सेवानिवृत्त होने पर विदाई समारोह आयोजित किये जाने से गुरमीत सिंह तोते के अध्यक्ष पद से भी हटने की संभावना बढ़ गयी है. शनिवार को यूनियन की ओर से विदाई समारोह का समय तय कर देने से तोते के अध्यक्ष पद पर बने रहने की संभावना स्वत: समाप्त हो गयी है. हालांकि तोते की सेवानिवृत्ति के बाद यूनियन का अध्यक्ष कौन होगा? इसकी प्रक्रिया क्या होगी इस पर न तो किसी तरह की अब तक चर्चा हुई है और न ही कोई संकेत मिले हैं. ऐसे में यूनियन से जुड़े लोगों व कर्मचारियों की निगाहें आगे लिये जाने वाले फैसले पर टिकी हुई हैं.वर्ष 2017 से कई बदलावों की गवाह रही आरके- तोते की जोड़ी
टाटा मोटर्स में तोते और आरके सिंह की जोड़ी वर्ष 2017 से यूनियन की राजनीति में पूरी तरह से हावी रही. इससे पहले टेल्को वर्कर्स यूनियन अस्तित्व में थी. उस दौरान एक समय ऐसा भी आया जब यूनियन विवादों का अखाड़ा बन गयी थी. टेल्को वर्कर्स यूनियन के महामंत्री प्रकाश कुमार को यूनियन से बाहर कर इन दोनों नेताओं ( तोते व आरके सिंह) ने नयी यूनियन का गठन किया. इसके बाद धीरे-धीरे यूनियन की गुटबाजी कम हुई और कंपनी प्रबंधन व यूनियन के बीच तालमेल का एक माहौल बना जिसमें कर्मचारियों के हितों से जुड़े कई निर्णय लिये गये. हालांकि 2017 से पहले कर्मचारियों के मुद्दों को लेकर कंपनी गेट पर धरना, प्रदर्शन का एक सिलसिला शुरू हो गया था जिसमें कंपनी में सक्रिय यूनियन से ज्यादा राजनीतिक दलों का हस्तक्षेप होने लगा था. जिस पर धीरे-धीरे विराम लगा.
कई समझौतों से लाभान्वित हुए कर्मचारी
: यूनियन अध्यक्ष गुरमीत सिंह तोते व महामंत्री आरके सिंह के तालमेल व नेतृत्व तथा नयी यूनियन के अस्तित्व में आने के बाद प्रबंधन के साथ कई समझौते हुए जिनमें टाटा मोटर्स के कर्मचारी ग्रुप इंश्योरेंस के तहत 50 लाख, लाइफ कवर स्कीम के तहत न्यूनतम 6 लाख रुपये, सेवा निधि के तहत 27 लाख रुपये सहित मृतक की नौकरी की तिथि तक पत्नी को बेसिक, डीए का 50 प्रतिशत, पेंशन में 3500 रुपये, दो बच्चियों की पढ़ाई का खर्च अलग से मिलने का समझौता अहम था. अब किसी अनहोनी पर 50 लाख का इंश्योरेंस कवर आश्रित परिवार के पास है. तोते और आरके सिंह की जोड़ी ने कठिन परिस्थितियों में कंपनी और कर्मचारियों के बीच एक सेतु बन कर माहौल को सौहार्दपूर्ण बनाये रखा. हर तिमाही में 225 बाइ सिक्स कर्मचारियों का स्थायीकरण उनके कार्यकाल की उपलब्धियो में से एक रही.अब तक कोई दावेदार नहीं :
पिछले साल नवंबर में गुरमीत सिंह तोते को टाटा मोटर्स यूनियन का तीसरी बार अध्यक्ष चुना गया था. वे कमेटी मेंबर और अध्यक्ष पद पर तीनों बार निर्विरोध निर्वाचित हुए. कंपनी से सेवानिवृत्ति के साथ ही इसकी यूनियन की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जायेगी, लेकिन अब तक अध्यक्ष पद पर यूनियन के किसी सदस्य ने दावेदारी नहीं की है. न ही यूनियन की ओर से ऐसी कोई हलचल ही दिखायी दे रही है. ऐसे में अगला अध्यक्ष कौन होगा इस पर संशय कायम है. वैसे गुरमीत सिंह की यूनियन में आगे बने रहने की कोई संभावना है भी या नहीं इस पर शहर के ट्रेड यूनियन के नेताओं, कर्मचारियों की नजरें टिकी हुई हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है