Jamshedpur news.
आम लोगों की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहने वाली पुलिस की एक मात्र जिला पुलिस अस्पताल को एक बार फिर से जीर्णोद्धार करने का प्रयास किया जा रहा है. अस्पताल में वर्तमान में ना तो दवा की सुविधा है आ ना ही इलाज की. ना ही स्थायी चिकित्सक और ना ही नर्स या कंपोडर ही हैं. कंडम हो चुके अस्पताल का बरामदा राहगीर के अलावा वाहन चालक व सब्जी विक्रेताओं का आराम स्थल बनकर रह गया है. विभाग की अनदेखी के कारण पॉश इलाके में स्थित जिला पुलिस अस्पताल कंडम हो चुका है. अस्पताल की चाहरदिवारी भी नहीं है. फिलहाल अस्पताल की देखरेख के लिए दो पुलिसकर्मी राकेश दुबे और मंजर हुसैन की तैनाती की गयी है. इलाज के नाम पर यहां सिर्फ मरहमपट्टी की जाती है. पूर्व में अस्पताल में डॉ स्वर्ण सिंह द्वारा बीच-बीच में आकर नि:शुल्क इलाज किया जाता था. उनके निधन के बाद उनकी बेटी डॉ समरीत कौर पुलिस अस्पताल में नि:शुल्क इलाज करती हैं, लेकिन उनका समय तय नहीं है. प्रथम चरण में जिला पुलिस अस्पताल का रंगरोगन और मरम्मत की जानी है. इसके लिए पुलिस केंद्र द्वारा प्रारुप तैयार किया गया है. इस पर एसएसपी पीयूष पांडेय ने सहमति दे दी है.अविभाजित झारखंड का दूसरा पुलिस अस्पताल
झारखंड पुलिस एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री व सेवानिवृत्त डीएसपी कमल किशोर ने बताया कि साकची स्थित जिला पुलिस अस्पताल अविभाजित बिहार में दूसरा पुलिस अस्पताल था. एक पुलिस अस्पताल रांची में था और दूसरा साकची में था. पुलिस अस्पताल 60 से 70 वर्ष पुरानी है. वर्ष 1998 तक अस्पताल में बेड की सुविधा थी. जहां पुलिसकर्मी का इलाज होता था, लेकिन धीरे-धीरे अस्पताल कंडम हो गया. डॉ स्वर्ण सिंह द्वारा अस्पताल में अपनी सेवा दी जाती थी. उनके साथ एक कंपोंडर भी था, लेकिन धीरे- धीरे वह भी खत्म हो गया.
पुलिसकर्मी व उनके परिवार के इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं
जानकारी के अनुसार वर्तमान में जिला पुलिस व उनके परिवार के लिए इलाज की कोई सुविधा नहीं है. आम लोगों की तरह ही पुलिसकर्मी अपना व परिवार का इलाज निजी अस्पताल व नर्सिंग होम में कराते हैं. पूर्व में टाटा स्टील के एमडी रुसी मोदी के कार्यकाल में टीएमएच में पुलिसकर्मियों के इलाज की सुविधा थी, लेकिन बाद में उसे बंद कर दिया गया.पूर्व में भी बना था प्रपोजल
साकची शीतला मंदिर चौक स्थित जिला पुलिस अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में भी प्रपोजल बनाया गया था. जमशेदपुर के तात्कालीन एसपी नवीन सिंह ने अस्पताल के जीर्णोधार के लिये 35 लाख का प्रपोजल तैयार कर मुख्यालय को भेजा था, लेकिन अब तक जीर्णोद्धार नहीं हो सका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है