Jamshedpur News :
जुगसलाई स्थित श्री राजस्थान शिव मंदिर की स्थापना के 100 वर्ष अगले साल 2026 में पूरे हो जायेंगे. मंदिर के वर्तमान अध्यक्ष छीतरमल धूत बताते हैं कि इसकी स्थापना में रंगलाल अग्रवाल सुल्तानिया, लादुराम केडिया, हनुमान सिंगोदिया का योगदान रहा. उस समय जुगसलाई में एक भी शिव मंदिर नहीं था. ऐसे में लगा कि पूजा-पाठ के लिए एक धार्मिक स्थल होना चाहिए. इस प्रकार राजस्थान के पुरोहित की देखरेख में विधि-विधान से यहां शिवलिंग की स्थापना की गयी. तभी से यहां अनवरत पूजा-पाठ हो रहा है. इस बार मंदिर में विशेष आयोजन हो रहे हैं. पुराने मंदिरों में एक होने के कारण पूरे शहरवासियों की यहां से आस्था जुड़ी हुई है.मंदिर कब बना
आजादी से 21 वर्ष पूर्व 1926 में यहां विधि-विधान के साथ शिवलिंग की स्थापना की गयी. शुरू में टीनाशेड डालकर पूजा होती थी. 55 वर्ष तक टीनाशेड में ही पूजा-पाठ होती रही. इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया.क्या है खासियत
यह शहर के सबसे पुराने शिव मंदिरों में से एक है. छह किलोग्राम चांदी से शिवलिंग का कवर डेकोरेशन किया गया है. करीब 40,000 वर्गफीट में फैले मंदिर परिसर में आज भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ हनुमानजी, लक्ष्मीनारायण और माता शीतला का मंदिर भी है. सभी की स्थापना दिवस पर विशेष आयोजन होते हैं.किस पत्थर से बना है शिवलिंग
यहां का शिवलिंग काला पत्थर से बना है. जिसे बनारस से लाया गया था. शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यहां 20 से 27 जुलाई तक श्री शिव महापुराण कथा उत्सव का आयोजन हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है