Success Story| जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज : जिंदगी की दौड़-भाग में अक्सर लोग खुद को भूल जाते हैं. बहुत कम लोग होते हैं, जो पहाड़ की पुकार सुनते हैं. अपने सपनों को पूरा करने का साहस दिखाते हैं. इन्हीं चुनिंदा लोगों में शामिल हैं झारखंड के जमशेदपुर की वो महिलाएं, जिन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया. महिलाओं ने सिक्किम के गोएचला ट्रैक का सफर तय करके एक अपनी खुशियों को हासिल किया.
नयी ऊंचाइयों को छूने का महिलाओं ने लिया प्रण
जिंदगी के ऐसे पड़ाव पर, जब लोग अपने सपनों को भूलने लगते हैं. घर-परिवार तक सिमटकर रह जाते हैं, वैसे समय में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं के एक समूह ने नयी ऊंचाईयों को छूने का प्रण लिया. सभी महिलाएं सिक्किम के गोएचला ट्रैक की यात्रा पर निकल गयीं. उनकी यात्रा दोस्ती, रोमांच और साहस से परिपूर्ण रही. इन्हें लगा कि पहाड़ इन्हें पुकार रहा है. इन्होंने पहाड़ों की पुकार सुनी और उसकी ऊंचाई नापने की ठान ली. उत्साह, उमंग और जोश से लबरेज होकर महिलाओं का यह समूह गोएचला ट्रैक के सफर पर निकल पड़ा.

‘सपने देखने और उन्हें पूरा करने की लिमिट नहीं होती’
महिलाओं के समूह में निशा रिंगसिया, रश्मि, शिल्पी, पूजा, दीप्ति, मंजूश्री, सोमा और रीना शामिल थीं. इन्होंने पूर्वी हिमालय में स्थित गोएचला दर्रा का सफर पूरा किया. गोएचला दर्रा सिक्कम में है और यहां आने वाले लोगों के धीरज और इच्छाशक्ति की परीक्षा लेता है. यहां से कंचनजंगा का दृश्य लोगों को अनायास ही लुभाता है. गोएचला दर्रा की चढ़ाई करना महिलाओं के लिए आसान नहीं था. यात्रा के दौरान सभी ने एक-दूसरे का हौसला बढ़ाया. साथ ही साबित किया कि सपने देखने और उन्हें पूरा करने की कोई लिमिट नहीं होती. खुद पर विश्वास रखने भर से व्यक्ति किसी भी ऊंचाई को छू सकता है.
झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
‘ट्रैकिंग के समय महसूस की अदृश्य शक्ति’
जमशेदपुर की इन महिलाओं ने सफर की शुरुआत 5 अप्रैल को की थी. यात्रा के दौरान महिलाओं को विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिला. सभी ने सुनिश्चित किया कि रसद से लेकर महिला समूह की सुरक्षा तक का हर विवरण संजोया जाये, ताकि ट्रैकिंग करने वाले यात्रा की मस्ती में रहें. सफर का अनुभव साझा करते हुए महिलाओं ने बताया कि ट्रैकिंग करते वक्त उन्होंने अपने भीतर एक अदृश्य शक्ति महसूस की. चढ़ाई के दौरान यह उनका मनोबल बढ़ा रहा था.

इसे भी पढ़ें
Jharkhand Ka Mausam: मौसम विभाग से आयी राहत भरी खबर, झारखंड में 6 डिग्री तक गिरेगा तापमान
झारखंड में बढ़ा गर्मी का प्रकोप, स्कूलों के समय में हुआ बदलाव
पहलगाम हमले के लिए झारखंड के मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराया
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद प्रयाग मांझी ने पारसनाथ में संभाली थी नक्सलवाद की कमान