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Jamshedpur News : लापरवाही को लेकर अधीक्षक ने छह डॉक्टरों को किया शोकॉज

इमरजेंसी में लापरवाही बरतने के आरोप में छह चिकित्सकों को शोकॉज जारी किया. इनमें डॉ. अंशु, डॉ. जहानजेब, डॉ. सी चंचल, डॉ. निशा पल्लवी, डॉ. स्वीटी और डॉ. हर्ष शर्मा शामिल हैं.

72 घंटे में जवाब देने का निर्देश

मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं : अधीक्षक

Jamshedpur News :

कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम में इलाज में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है. गुरुवार रात करीब 9:30 बजे एमजीएम अस्पताल के ही कैशियर राजीव बनर्जी सड़क दुर्घटना में घायल अवस्था में अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. अचेत अवस्था में होने के कारण परिजनों ने उनको गाड़ी से नहीं उतारा और इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर के पास पहुंचकर गाड़ी में ही उन्हें देखने का आग्रह किया. लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने बाहर आकर उनको नहीं देखा. राजीव बनर्जी गोलमुरी के पास सड़क दुर्घटना में घायल हो गये थे. डॉक्टरों के इस रवैये से नाराज परिजन राजीव को लेकर टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) चले गये. इस घटना की जानकारी अधीक्षक डॉक्टर आरके मंधान को मिला, तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए इमरजेंसी में लापरवाही बरतने के आरोप में छह चिकित्सकों को शोकॉज जारी किया. इनमें डॉ. अंशु, डॉ. जहानजेब, डॉ. सी चंचल, डॉ. निशा पल्लवी, डॉ. स्वीटी और डॉ. हर्ष शर्मा शामिल हैं. सभी को 72 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है. अन्यथा कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी है. इस घटनाक्रम ने अस्पताल की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. अधीक्षक ने मामले को कर्तव्यहीनता और अमानवीय व्यवहार करार देते हुए सभी संबंधित चिकित्सकों को विभागाध्यक्षों के माध्यम से जवाब देने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल अधीक्षक से मिला

वहीं इस मामले को लेकर सोमवार को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ गणेश श्रीवास्तव के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल अधीक्षक से मिलने पहुंचा. इस दौरान अधीक्षक और उपाधीक्षक दोनों चेंबर में मौजूद थे. बैठक के दौरान आरोपी चिकित्सकों ने खुद को निर्दोष बताते हुए कार्रवाई नहीं करने की बात कही.

जूनियर डॉक्टरों को अधीक्षक ने बताया अनुशासन का पाठ

बातचीत के दौरान कुछ जूनियर डॉक्टर उत्तेजित हो गये और तेज आवाज में अपनी बात रखनी शुरू की, जिसपर अधीक्षक और उपाधीक्षक ने नाराजगी जतायी. अधीक्षक ने सख्त लहजे में कहा, हमने भी मेडिकल की पढ़ाई की है, लेकिन कभी सीनियरों से इस तरह की भाषा में बात करने की हिम्मत नहीं की. उन्होंने कहा कि यह एक शैक्षणिक संस्थान है, यहां अनुशासन से चिकित्सक तैयार होते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का गलत व्यवहार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. वहीं डॉ गणेश ने कहा कि अधीक्षक से बात हुई है. उन्होंने डॉक्टरों को ईमानदारीपूर्वक ड्यूटी करने का निर्देश दिया.

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