नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन
1500 से अधिक विद्यार्थियों को मिला मेडल
Jamshedpur News :
बच्चा अगर सफल होता है, तो जाहिर सी बात है कि उसने मेहनत की है, लेकिन उसकी सफलता की चकाचौंध में लोग अक्सर मां-बाप के त्याग और तपस्या को भूल जाते हैं. विद्यार्थियों को यह संकल्प लेनी चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पहली कमाई मां-बाप के हाथों में सौंपेंगे. उक्त बातें केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कही. सोमवार को वे नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. दीप प्रज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की. दीक्षांत समारोह के दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन सिर्फ डिग्री लेने का नहीं, बल्कि जिंदगी की नयी शुरुआत करने का दिन है. पढ़ाई कर जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब गिवर बनें. जीवन में हमेशा इनोवेशन करते रहने का उन्होंने आह्वान किया. एक आंकड़ा देते हुए कहा कि देश में फिलहाल 1 लाख 60 हजार स्टार्टअप चल रहे हैं, इसे चलाने वाली कुल 73 हजार लड़कियां हैं. कहा कि यह नॉलेज का युग है.इससे पूर्व नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति मदन मोहन सिंह ने अब तक के संघर्ष व सफर से जुड़ी यादें साझा करते हुए कहा कि चार कमरे से शुरू हुआ नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल आज इस मुकाम पर पहुंच गया है. यूनिवर्सिटी के 7500 विद्यार्थी अलग-अलग 48 प्रकार के कोर्सों की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति व संस्कार से युक्त शिक्षा प्रदान कर देश के लिए अच्छे नागरिक गढ़ना है. मौके पर कोल्हान विवि की पूर्व कुलपति प्रो. डॉ. शुक्ला मोहंती, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोईज अशरफ के अलावा विश्वविद्यालय के अन्य अकादमिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया. इस दौरान यूनिवर्सिटी के 1500 से अधिक विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गयी. इसमें 120 विद्यार्थियों को गोल्ड व सिल्वर मेडल दिया गया.
अंग्रेजों का दिया हुआ है गाउन कल्चर, इसे बदलें
केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहा कि अंग्रेजों के द्वारा दिये गये गाउन कल्चर को हम आज तक ढ़ो रहे हैं. उन्होंने अगले दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति पर आधारित पोशाक का इस्तेमाल करने का आह्वान किया.एआइ के इस्तेमाल में भारत है दुनिया में नंबर वन
गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के विद्यार्थी काफी होनहार हैं. गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीइओ सत्या नडेला, एडोबे के सीइओ शांता कटारिया, आइबीएम के सीइओ अरविंद कृष्णा हैं. ये सभी भारतीय हैं, जो इस बात को बताने के लिए काफी हैं कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को लेकर लोगों में संशय है कि शायद इससे नौकरी कम होगी. लेकिन, ऐसी बात बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि एआइ के इस्तेमाल में भारत पूरी दुनिया में नंबर वन है. भारत में 63 फीसदी लोग, जबकि दुनिया में 32 फीसदी लोग एआइ का इस्तेमाल करते हैं.हर सप्ताह देश में बन रहा है एक यूनिवर्सिटी
गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश मजबूत हो रहा है. 2014 तक देश में सिर्फ 723 यूनिवर्सिटी थी. जबकि अब बढ़कर 1300 हो गये हैं. हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी बन रहा है. आइआइटी, नीट, आइआइएम में सीटें बढ़ रही हैं. देश में पठन-पाठन का बेहतर माहौल तैयार हो रहा है. सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज का गठन करने जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है