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संसद की शोभा बढ़ा रहा जमशेदपुर के मोहन का टेराकोटा आर्ट, आस्था गैलरी में सजा कर रखी गयी हैं कलाकृतियां

जमशेदपुर के मोहन करन का टेराकोटा आर्ट संसद की शोभा बढ़ा रहा है. आस्था गैलरी में इनकी कलाकृतियां सजा कर रखी गयी हैं. मोहन कहते हैं कि यह उनके लिए गर्व की बात है.

जमशेदपुर, कन्हैया लाल सिंह: नयी दिल्ली स्थित नये संसद भवन को शहर के युवा कलाकार की कलाकृतियों से सजाया गया है. ये कलाकृतियां संसद की शोभा बढ़ा रही हैं और इससे झारखंडी कला की सोंधी महक आ रही है. जमशेदपुर के सोनारी निवासी मोहन करन की इस उपलब्धि पर शहर गौरवान्वित महसूस कर रहा है. मोहन के टेराकोटा को नये संसद भवन की आस्था गैलरी में रखा गया है, मुखौता (मास्क) और टाली (टाइल्स) शामिल है. गैलरी में अन्य राज्यों के कलाकारों की टेराकोटा कलाकृतियों को भी रखा गया है. झारखंड से केवल मोहन करन के टेराकोटा आर्ट को रखा गया है. मोहन कहते हैं कि यह उनके लिए गर्व की बात है. संसद भवन में कला के जरिये वर्षों तक उन्हें भी याद रखा जायेगा. एक कलाकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है.

ऑनलाइन संपर्क किया, संसद भवन प्रबंधन ने किया चयन

जमशेदपुर के मोहन करन बताते हैं कि दस्तकारी हाट समिति की प्रमुख जया जेटली ने इसको लेकर सभी राज्यों के माटी कला आर्टिस्ट से संपर्क किया था. इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने ऑनलाइन संपर्क किया और उन्हें अपनी कला को दिखाने की अनुमति मिल गयी. टेराकोटा तैयार हो जाने के बाद समिति की ओर से कूरियर की व्यवस्था की गयी. इस तरह उनकी कला समिति तक पहुंची, जिसे बाद में संसद भवन प्रबंधन की ओर से चयनित कर लिया. इस तरह उनकी कला संसद भवन की शोभा बनी.

गंगा की मिट्टी से बनी है कलाकृति

सोनारी के मोहन के अनुसार, मुखौटा तैयार करने के बाद उन्होंने उसे चटकदार रंग से सजाया था, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया. पकने के बाद मुखौटा पर कुछ करने के लिए नहीं कहा गया था. दोबारा उन्होंने मिट्टी का मुखौटा बनाया. उस पर झारखंड से जुड़े हल्के डिजाइन किये. इसी तरह, टाली पर झारखंड की वन संपदा पेड़-पत्तियां दिखायी. दोनों को पकाया और उस पर कोई रंग नहीं किया. इसे पसंद कर लिया गया. इसमें गंगा की मिट्टी का इस्तेमाल किया. उन्होंने डोकरा आर्ट भी भेजी थी. लेकिन इसे पसंद नहीं किया गया. छत्तीसगढ़ के डोकरा आर्ट को संसद भवन में रखने के लिए चुना गया.

टाटा स्टील के मुंबई दफ्तर में भी है मोहन का डोकरा आर्ट

मोहन करन के डोकरा आर्ट को टाटा स्टील के मुंबई दफ्तर में लगाया गया है. इस पर उन्होंने झारखंड की पहचान तीर-कमान को दर्शाया है. वह सोनारी स्थित स्वयं सहायता समूह ट्राइबल आर्टिजन ग्रुप से जुड़े हैं. जिसके जरिये टेराकोटा व डोकरा कलाकृतियां बनायी जाती हैं.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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