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समय पर नहीं पहुंची सीएचओ तो एएनएम ने मरीज का किया उपचार

नारायणपुर. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों सुर्खियों में है. स्वास्थ्यकर्मियों और पदाधिकारियों की लापरवाही की नयी-नयी घटनाएं सामने आ रही है.

पति हेल्थ वर्कर तो पत्नी एएनएम, एक ही अस्पताल में पदस्थापित प्रतिनिधि, नारायणपुर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों सुर्खियों में है. स्वास्थ्यकर्मियों और पदाधिकारियों की लापरवाही की नयी-नयी घटनाएं सामने आ रही है. यहां मरीजों का उपचार हेल्थ वर्कर और एएनएम कर रहीं हैं. जवाबदेह लेने वाले बीपीएम अखिलेश कुमार सिंह अपना किनारा ले रहे हैं. उल्टे मीडिया को इंटरटेनमेंट न करने की नसीहत दे रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री लगातार व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए काम कर रहे हैं. दरअसल, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से स्वास्थ्य सेवा मिल जाए. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य उपकेंद्र को आरोग्य मंदिर बनाकर सीएचओ को पदस्थापित किया है. सीएचओ को मरीजों को स्वास्थ्य सेवा का पूरा लाभ देना है, लेकिन दुर्भाग्य कहिए कि नारायणपुर प्रखंड के आरोग्य मंदिर चैनपुर में पदस्थापित सीएचओ को अपने दायित्व का परवाह नहीं. यहां शुक्रवार की सुबह 11:30 बजे करमोई निवासी सुरेश मरांडी नामक मरीज का इलाज हेल्थ वर्कर प्रदीप कुमार व एएनएम राखी कुमारी ने किया, जबकि यह कार्य सीएचओ को करना था, उनका समय सारणी विभाग ने सुबह नौ से तीन बजे तक निर्धारित किया है. सुबह 9:00 बजे तो क्या वह 11:05 बजे तक नहीं पहुंची थी. यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे संचालित हो रही है. विभाग ने सीएचओ की बहाली जिस उद्देश्य के लिए किया था, वह उद्देश्य पूरा होता हुआ नहीं दिख रहा है, ना ही इसकी जांच होती है और ना ही इसकी पड़ताल विभाग द्वारा की जाती है. कौन से स्वास्थ्य कर्मी कितने दिन से ड्यूटी कर रहे हैं? कहां जा रहे हैं? कहां प्रशिक्षण चल रहा है. इसकी कोई सूचना विभाग के पास नहीं रहता है? और ना ही पदस्थापना स्थल पर कोई सूचना ही रहती है. विदित हो कि सीएचओ के पीछे स्वास्थ्य विभाग महीने में 40000 रुपये के करीब खर्च करता है. यदि सप्ताह में छह दिन ड्यूटी नहीं हो तो यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था की क्या स्थिति होगी, जब आरोग्य मंदिर में कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति पंजी की पड़ताल की गयी तो पता चला 22 जुलाई से ही सीएचओ की हाजिरी पंजी में नहीं बनी है, जब सीएचओ सरिता कुमारी से बातचीत की गयी तो उन्होंने कहा 22 जुलाई को नारायणपुर गयी थी. 23 जुलाई को रांची में प्रशिक्षण में था, जबकि 24 जुलाई को जिला कार्यालय गयी थी. तीन दिन के हाजिरी का हिसाब किताब उन्होंने फोन पर बता दिया. हालांकि इस मामले में सीएचसी नारायणपुर के बीपीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि मैं फोन पर इंटरटेनमेंट नहीं कर सकता हूं. आप कार्यालय पहुंचें, मैं सब कुछ बता दूंगा. उन्होंने ड्यूटी के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. पति-पत्नी एक ही केंद्र में हैं पदस्थापित इस आरोग्य केंद्र में एक और अजीबो-गरीब मामला देखने को मिला. यहां पत्नी एएनएम है और पति हेल्थ वर्कर है. दोनों एक ही केंद्र में पदस्थापित है. रेखा कुमारी एएनएम हैं, जबकि उनके पति प्रदीप कुमार हेल्थ वर्कर है. लोगों के बीच यह चर्चा है कि दोनों ने अपने सुविधा के अनुसार एक ही केंद्र में ड्यूटी लिया है. – क्या कहते हैं सीएस मामला मेरे संज्ञान में आया है, जिसकी जांच की जायेगी. ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में इस उद्देश्य से पदस्थापित किया गया है, ताकि ग्रामीणों को बेहतर उपचार सुविधा मिल सके. अगर इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी होती है तो जांच कर कार्रवाई होगी. – डॉ आनंद मोहन सोरेन, सिविल सर्जन, जामताड़ा

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