जामताड़ा. पट्टाजोरी गांव में 10 वर्षों में तालाब का तीसरी बार जीर्णोद्धार हो रहा है, लेकिन जीर्णोद्धार के बाद भी तालाब का आकार छोटा होता जा रहा है. दरअसल भूमि संरक्षण विभाग जामताड़ा की ओर से पूर्व में दो बार तालाब का जीर्णोद्धार किया चुका है. अब तीसरी बार लघु सिंचाई कार्य प्रमंडल जामताड़ा से तालाब का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. तीन बार तालाब का जीर्णोद्धार होने के बाद भी तालाब सिकुड़ता जा रहा है. यानी तालाब का वास्तविक रकवा से छोटा हो गया है. ग्रामीणों ने लघु सिंचाई विभाग के कार्यालय में आवेदन देकर जांच की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब के बीचों बीच केवल सतह की मिट्टी को पोकलेन से छीलकर हटाया गया है. वहीं तालाब से मिट्टी की कटाई के बाद उस मिट्टी का परिवहन करने का प्रावधान था. लेकिन मिट्टी कटाई के बाद तालाब के मेढ़ पर ही मिट्टी को सुनियोजित ढंग से जमा कर रखा गया है. तालाब में बरसात के पानी के पानी के प्रवेश को रोक दिया गया है. चूंकी बरसात के पानी के प्रवेश वाली जगह पर मिट्टी का मेढ़ तैयार कर दिया गया है. अजय कुमार भैया, कुंदन, सौरभ भैया, जय प्रकाश भैया, हृदय नारायण भैया, हराधन भैया, अमल चंद्र भैया आदि ने जांच की मांग की है.
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