कुंडहित. फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत इंटेंसिफाइड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (आइडीए) कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य से महेशपुर स्थित रेफरल अस्पताल में सेविकाओं और सहियाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण रविवार को संपन्न हुआ. इसमें बीबीडी सुपरवाइजर अहमद रजा परवेज ने बताया कि कार्यक्रम के तहत डीइसी, अल्बेंडाजोल और इवरमेक्टिन तीन प्रकार की दवा निर्धारित आयु वर्ग के अनुसार दी जायेगी. उन्होंने बताया एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को डीइसी और अल्बेंडाजोल नहीं दी जायेगी. एक से दो वर्ष के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली पानी में मिलाकर दी जायेगी. डीइसी नहीं दी जायेगी. 2 से 5 वर्ष के बच्चों को डीइसी और अल्बेंडाजोल की एक-एक गोली दी जायेगी. 6 से 14 वर्ष के बच्चों को भी दोनों दवा एक-एक गोली दी जायेगी. 15 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को डीइसी की एक और अल्बेंडाजोल की तीन गोलियां खिलायी जायेगी. इवरमेक्टिन दवा की खुराक ऊंचाई और उम्र के आधार पर तय की जायेगी. 90 सेंटीमीटर से कम ऊंचाई वाले व पांच वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को यह दवा नहीं दी जायेगी. बूथ-डे 10 अगस्त को आयोजित होगा, जबकि 11 से 25 अगस्त तक घर-घर जाकर दवा वितरण किया जायेगा. मौके पर सहायक प्रशिक्षक एमपीडब्ल्यू निर्मल फौजदार, अशोक मंडल, बीटीटी अवध बिहारी राम, सुबोध मंडल सहित बड़ी संख्या में सहिया एवं सेविकाएं उपस्थित थीं.
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