जामताड़ा. रांची में पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में जामताड़ा जिले को पंचायत उन्नति सूचकांक में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टॉप-5 जिलों में स्थान मिला. जिले ने स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने और सतत विकास को बढ़ावा देने के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है. साथ ही, कुंडहित प्रखंड ने भी टॉप-5 में स्थान पाया. इस अवसर पर पंचायती राज निदेशक राजेश्वरी बी. ने जिला परिषद अध्यक्ष राधारानी सोरेन और डीडीसी निरंजन कुमार को प्रशस्ति पत्र सौंपा. स्वस्थ पंचायत विषय के तहत कुंडहित प्रखंड के खजुरी पंचायत के मुखिया एवं बीडीओ को भी सम्मानित किया गया. डीडीसी निरंजन कुमार ने बताया कि 2022-23 में पहली बार पंचायत उन्नति सूचकांक की बेसलाइन रिपोर्ट जारी की गयी, जिससे साक्ष्य-आधारित ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला। झारखंड की 4281 पंचायतों ने इसमें हिस्सा लिया. राज्य की 7% पंचायतों को “प्रदर्शनकर्ता ” (60-75%), 57% को “आकांक्षी ” (40-60%) और 36% को “प्रारंभकर्ता ” (0-40%) के रूप में वर्गीकृत किया गया. पीएआई का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को पंचायत स्तर पर लागू करना है. यह सूचकांक नौ विषयों में पंचायतों की प्रगति को दर्शाता है जैसे- गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, बाल सुरक्षा, जल आपूर्ति, हरित विकास, बुनियादी ढांचा, सामाजिक न्याय, सुशासन और महिला सशक्तिकरण. राज्य स्तरीय विश्लेषण में लोहरदग्गा (59.37%) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि जामताड़ा (53.91%) ने पांचवां. थीम-2 (स्वस्थ पंचायत) में झारखंड ने विशेष प्रगति दिखायी है, जहां 96 पंचायतों ने पूर्ण लक्ष्य प्राप्त किए हैं.
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