पाकुड़. 12 साल पहले शिक्षक एमानुएल हांसदा की आश्रित पत्नी को पेंशन सहित अन्य लाभों के मिलने में आ रही बाधा को लेकर प्रभात खबर की खबर पर जिला शिक्षा अधीक्षक ने संज्ञान लिया है. उन्होंने मामले की जांच भी अपने कार्यालय के स्तर से शुरू कर दी है. डीएसई नयन कुमार ने बताया कि शिक्षक एमानुएल हांसदा की आश्रित पत्नी को पेंशन सहित अन्य योजनाओं का लाभ अभी तक नहीं मिलने की खबर का संज्ञान लिया गया है. इस मामले की जानकारी ली जा रही है. जल्द ही अग्रतर कार्रवाई की जाएगी. मालूम हो कि शिक्षक एमानुएल हांसदा के लापता होने के 10 साल बाद जिला शिक्षा स्थापना समिति द्वारा उनकी पत्नी को सभी योजनाओं का लाभ दिलाने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी उनकी पत्नी कंचनलता खलखो को कोई लाभ नहीं मिल पाया और ना ही उन्हें पेंशन मिल रहा है. इस खबर को काफी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिसे संज्ञान में लिया गया है. वहीं पाकुड़ की प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुमिता मरांडी ने बताया कि आश्रित पत्नी को जरूरी कागजात सौंपने को कहा जा रहा है लेकिन वो कोई कागजात नहीं जमा कर रही है और न ही कोई पत्र रिसीव कर रही है. ऐसे में उन्हें डाक के माध्यम से पत्राचार किया जाएगा. क्या कहती हैं आवेदिका : इस संबंध में आवेदिका सह आश्रित पत्नी कंचनलता खलखो ने बताया कि जिला शिक्षा स्थापना समिति के अलावा भी कई बार पदाधिकारियों को सभी कागजात सौंपे हैं. लेकिन किसी ने रिसीविंग नहीं दिया है. ये लोग सिर्फ मामले को टालने का काम कर रहे हैं. क्या है मामला : 09 अक्टूबर 2013 को पाकुड़ प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जादुपुर में पदस्थापित सहायक शिक्षक लापता हो गए थे. इसको लेकर नगर थाना में सनहा दर्ज कराया गया था. दर्ज सनहा के आधार पर 10 साल बाद 20 जुलाई 2023 को हुई जिला स्थापना समिति की बैठक में सर्वसम्मति से शिक्षक एमानुएल हांसदा के लापता होने संबंधी तथ्यों को सत्य मानते हुए शिक्षक श्री हांसदा के आश्रित परिवार को झारखंड पेंशन नियमावली 33(2) के तहत देय लाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया गया. यह निर्देश बीईईओ सह डीडीओ को दिया गया कि वे शिक्षक एमानुएल हांसदा की आश्रित पत्नि कंचनलता खलखो से संपर्क कर ऑनलाइन पेंशनादि प्रपत्र एवं अन्य सभी लाभों से संबंधित कागजात जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र निर्गत की तिथि 31 जुलाई 2023 के एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करायें. लेकिन अब तक इसका लाभ आश्रित पत्नी को नहीं मिल पाया है.
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