प्रतिनिधि, खूंटी.
मुंडा भाषा संघर्ष समिति खूंटी की बैठक शुक्रवार को बिरसा मुंडा जिला पुस्तकालय परिसर में पांडेया मुंडा की अध्यक्षता में हुई. जिसमें झारखंड शिक्षक पात्रता नियमावली में क्षेत्रीय भाषा में मुंडारी को शामिल नहीं किये जाने को लेकर चर्चा की गयी. वक्ताओं ने कहा कि खूंटी में मुंडारी भाषा बोलने वालों की बहुलता है. ऐसे में नियमावली में मुंडारी को जिले से हटाना साजिश प्रतीत हो रहा है. बैठक में इसकी निंदा की गयी. वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया. समिति ने खूंटी जिले में खड़िया और कुड़ुख भाषा को विलोपित कर सिर्फ मुंडारी को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने की मांग की है. विरोध में नौ जून को बिरसा कॉलेज से समाहरणालय तक जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया. मौके पर चंद्र प्रभात मुंडा, दुर्गावती ओड़ेया, बासिंग मुंडा, दामू मुंडा, कंचन होरो, समीर टोपनो, सनिका टूटी, बुधराम बोदरा, मुंशी मुंडा, बिरतुस ओड़ेया, प्रभाकर मुंडू, सुरजू हस्सा, प्रकाश टूटी, पांडा कंडीर, सागी टूटी, मानसिंह बोदरा, जयलाल मुंडू, राम टोपनो, शिवनारायण मुंडा, तड़कन मुंडा, सनिका मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.मुंडारी भाषा को शामिल करें : कांग्रेस :
झारखंड पात्रता परीक्षा को लेकर जारी नियमावली में मुंडारी भाषा शामिल नहीं किये जाने का कांग्रेस जिला कमेटी ने विरोध किया है. जिलाध्यक्ष रवि मिश्र ने कहा कि मुंडारी भाषा की अनदेखी करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने सरकार से मुंडारी भाषा को शामिल करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है