प्रतिनिधि, खूंटी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला समिति ने मंगलवार को सरना धर्म कोड की मांग को लेकर समाहरणालय के समक्ष धरना दिया. खूंटी विधायक रामसूर्या मुंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा से सरना धर्म कोड संबंधित बिल पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया है. लेकिन केंद्र सरकार मांग को पूरा नहीं कर रही है. जब तक सरना धर्म कोड नहीं मिलेगा, तब तक राज्य में जातीय जनगणना शुरू नही होने दी जायेगी. धर्म कोड नहीं होने से आदिवासियों की जनगणना में वास्तविक संख्या का पता नहीं लग पायेगा. तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों की पहचान दिलाने के मामले में चुप्पी साधे हुए है. झामुमो जातीय जनगणना की विरोधी नहीं है, लेकिन राज्य के सारे आदिवासियों की मांग है कि पहले आदिवासी धर्म कोड लागू हो फिर जातीय जनगणना हो. मांग पूरा नही होने पर दिल्ली में भी आंदोलन किया जायेगा. झामुमो जिलाध्यक्ष जुबेर अहमद ने कहा कि जनगणना के फॉर्म में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी जातियों के लिए धर्म का अलग कॉलम है, लेकिन आदिवासियों के लिए कोई कॉलम नहीं है. आगामी चार जून को पुनः इसी मांग को लेकर प्रदर्शन किया जायेगा. इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त आर रॉनिटा को ज्ञापन सौंपा. इसके बाद झामुमो के कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय से भगत सिंह चौक तक रैली निकाली. मौके पर सुशील पाहन, सोनाराम यादव, सलन ओड़ेया, महादेव मुंडा, राहुल केशरी, गुलशन सिंह मुंडा, शंकर सिंह मुंडा, वीरेन कंडुलना, सुशांति कोनगाड़ी, स्नेहलता कंडुलना, मकसूद अंसारी, सनिका बोदरा, कमलेश महतो, डिक्सन पूर्ति, सनिका बोदरा, अमरनाथ मुंडा, अनूप लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है