प्रतिनिधि, खूंटी.
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा खूंटी जिला का सम्मेलन शुक्रवार को खूंटी क्लब खूंटी परिसर में हुआ. सम्मेलन में आंदोलनकारियों को राजकीय मान सम्मान, अलग पहचान, पुत्र-पुत्री, पोता-पोती के रोजी-रोजगार और नियोजन की गारंटी तथा जेल जाने की बाध्यता को समाप्त कर सभी को सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपये देने की मांग रखी गयी. इसके अलावा झारखंड आंदोलन के अगुआ मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, सीपी तिर्की, एनई होरो, झमन सिंह और निकोलस गुड़िया की प्रतिमा और पोट्रेट विधानसभा परिसर में लगाने की मांग की गयी. मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो ने कहा कि सरकार झारखंड अलग राज्य और माय-माटी के मूल्यों को स्थापित कर शहीदों के अरमानों को मंजिल तक पहुंचाए. उन्होंने राज्य सरकार से दिशोम गुरु शिबू सोरेन को झारखंड आंदोलनकारी के रूप में अब गजट नोटिफिकेशन कर राजकीय मान-सम्मान के साथ समारोह पूर्वक सम्मानित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी हाशिये पर जीवन जी रहे हैं. उनकी 10-20 रुपये तक की खरीदारी करने की क्षमता नहीं है. झारखंड जैसे खनिज संपदा, मानव संसाधन, धन संपदा, जल, जंगल, जमीन से परिपूर्ण हैं और हम लोग गरीब से भी गरीब हैं. केंद्रीय सचिव तैयब अंसारी ने कहा कि हमारे संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद राज्य बना है. आंदोलनकारी के कारण राज्य की पहचान है. सरकार आंदोलनकारियों को सम्मान व पेंशन देकर स्वाभिमान से जीने का अधिकार दे. जिलाध्यक्ष विजय सिंह ने कहा कि खूंटी उलगुलान और झारखंड आंदोलनकारियों की धरती है. झारखंड आंदोलनकारी के साथ अन्याय और अनदेखी होती है. राजकीय मान सम्मान नहीं दिया जाता है तो निश्चित ही खूंटी की धरती से एक और उलगुलान होगा. मौके पर रोजलीन तिर्की, अंथन लकड़ा, लक्ष्मी नारायण साहू, राजेन कुजूर, महबूब अंसारी, बुधराम मिंज, निरल सांगा, सामुएल सांगा, मनोज गोप, सुदर्शन भोक्ता, कैलाश मुंडा, भीमसेन सांगा, मंगल देव मुंडा, पुष्पा बरदेवा, सुनीता मिंज, जुलियानी सांगा, सुनीता उराइन, बिरसी तुर्की, कैलाश मुंडा, संजय मुंडा, अजिताभ स्वासी, रीता तिर्की सहित अन्य उपस्थित थे.झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की बैठकB
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