प्रतिनिधि, खूंटी. खूंटी के डाड़ीगुटू पंचायत अंतर्गत जोरदा गांव के जायर पीड़ी में शनिवार को पड़हा जतरा सह सांगी बा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अगुवाई पड़हा राजा फूलचंद टूटी ने की. इस अवसर पर जोरदा, सलगाडीह, डाड़ीगुटू, तारोब और ओमटो ग्राम के पाहनों ने पारंपरिक रीति दस्तुर के अनुसार अर्जी गोवारी की गयी. मुख्य अतिथि झारखंड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा ने कहा कि मुंडाओं का मूल सामाजिक व्यवस्था पड़हा पट्टी है. गांव की व्यवस्था का संचालन के लिए ग्रामसभा का गठन किया गया. इस पारंपरिक व्यवस्था को पेसा कानून द्वारा मान्यता प्रदान किया गया है. सरकार न ग्रामसभा को और न ही पारंपरिक व्यवस्था को जगह देने का प्रयास नहीं कर रही है. झारखंड ग्रामसभा मंच के संयोजक राधाकृष्ण सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड सरकार पंचायत राज अधिनियम- 2001 को थोपकर पेसा कानून के अधिकार से ग्रामसभा को वंचित करने का काम कर रही है. समाजसेवी सिंगराय मुंडा ने कहा कि पेसा कानून के हूबहू अनुपालन के लिए भी लड़ाई लड़ना होगा. चैतन्य मुंडा ने कहा कि बिना संघर्ष के कभी आदिवासियों को अधिकार नहीं मिला है. झारखंड उलगुलान संघ के क्षेत्रीय प्रभारी बेनेडिक्ट नवरंगी ने कहा कि अधिकार सम्पन्न ग्रामसभा से ही आदिवासियों का विकास संभव है. इसलिए पेसा कानून को लागू कराना बहुत जरूरी है. पड़हा जतरा सह सांगी बा कार्यक्रम में पारंपरिक खेलकूद सहित फुटबाॅल टूर्नामेंट का भी आयोजन किया गया. वहीं रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर टाकोरा मुंडा, नंदराम मुंडा, केदार मुंडा, लेदा मुंडा, जोटो मुंडा, एतवा मुंडा, राम मुंडा, पौलुस टूटी, दारू मुंडा, भईयाराम मुंडा, मुईसू पाहन, डिम्बा पाहन, सुन्दर पाहन, टाकुरा पाहन, कांडे मुंडा, लेबेड़ा पाहन, सोम्बरा मुंडा, एतवा पाहन, संतोष टूटी, नमन टूटी, बुधराम मुंडा, कीनू मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.
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