प्रतिनिधि, खूंटी जिले के विभिन्न गांवों में मंगलवार को सरहुल मनाया जायेगा. इसे लेकर सोमवार को सरहुल पूर्व संध्या का आयोजन किया गया. सरना स्थलों में पहानों की अगुवाई में दो घड़ों में सगुन जल रखा गया. मंगलवार को अवलोकन कर अतिवृष्टि-अनावृष्टि का अनुमान लगाया जायेगा. सरहुल को लेकर सोमवार को पूर्व संध्या पर सरना धर्म सोतोरू समिति द्वारा डौगड़ा, दुलवा और उलिहातु में विशेष पूजा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर धर्मगुरु बगरय मुंडा ने कहा कि सरहुल महज एक पर्व नहीं है बल्कि यह प्रकृति संरक्षण, मानव कल्याण, प्रेम और भाईचारा बढ़ाने का अवसर है. समाज में ऊंच-नीच जैसे भेदभाव से ऊपर उठकर भाई-चारे के साथ रहने का संकल्प लेना चाहिए. जिस प्रकार प्रकृति पुराने रूखे-सूखे पत्तों को त्याग कर नए पत्ते एवं फूलों से वातावरण को सुगंधित करता है. उसी तरह हमें भी पुराने मनमुटाव, आपसी भेदभाव, ईर्ष्या-द्वेष व नकारात्मक विचारों को त्याग कर समाज में सुख, शांति, खुशहाली, दया, सेवा, भाईचारा व अच्छाइयों का संचार करना चाहिए. इससे मानव जीवन में सदा सुख, शांति और खुशहाल बनी रहेगी. इस अवसर पर धर्मगुरु सोमा कंडीर, धर्मगुरु भैयाराम ओडेया, सोमा मुंडा, सुगना पहान, टुटी ओड़ेया, मधियाना धान, सुखराम पहान, नंदी डोढरय, सोमा पहान, विश्राम टुटी आदि गणमान्य उपस्थित थे.
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