खूंटी. महर्षि मेंहीं आश्रम मलियादा मुरहू में रविवार को विशेष सत्संग और ध्यान-भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सत्संग में अपने प्रवचन के दौरान ऋषिकेश आश्रम के स्वामी गंगाधर जी महाराज ने कहा कि सावन माह में हम देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना करते हैं. सभी नशा पान और मांसाहार का त्याग कर भक्ति करते हैं, जिससे उनका जीवन सुखमय बनता है. भोलेबाबा की महिमा अपरंपार है. वे सर्व मनोकामना पूरी करते हैं. हम परमात्मा की इस सृष्टि को सदाचार और शाकाहार जीवन जीकर और सुंदर बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज ने नशा, हिंसा, झूठ, चोरी और व्यभिचार का त्याग कर भक्ति करने का उपदेश दिया है. ध्यानाभ्यास से हम अपने इष्ट, गुरु व ईश्वर की ध्यान करते हैं और मंत्र जप करते हैं. सत्संग और ध्यानाभ्यास ही सभी दुःखों -पापों का नाश करता है और हमें खुशहाल बनाता है. बद्रीनाथ धाम के स्वामी वैष्णवानंदजी महाराज ने कहा कि प्रतिदिन सत्संग और ध्यानाभ्यास करना चाहिए. सभी देवी-देवताओं ने भी सत्संग और ध्यानाभ्यास को अपनाया. यही सुख-शांति और परमात्मा की प्राप्ति में सहायक है. सामूहिक सत्संग और ध्यानाभ्यास में सैकड़ों सत्संगियों ने भाग लिया. मौके पर भंडारे की भी व्यवस्था थी. शांति पुरी शबरी कुटिया आश्रम मुरहू में भी स्वामी लक्ष्मण जी महाराज ने साप्ताहिक सत्संग में कहा कि सद् गुरु के वचनों को अपने जीवन में उतार लेने से जीवन की कठिनाई आसानी से खत्म हो जायेगी. जीवन जीने का सही मार्ग गुरु-सत्संग और ध्यान है. लोदरो बाबा, मुरली धर, दिगंबर बाबा ने भी सत्संग और ध्यान की महिमा बतायी. मौके पर डॉ डीएन तिवारी, मुचीराय मुंडा, विष्णु मुंडा, चमरा मुंडा, रामहरि साव, नंदिनी देवी, सुरेश पंडित सहित अन्य उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है