प्रतिनिधि, खूंटी जिला प्रशासन ने मानव तस्करी की शिकार हुईं सात नाबालिग का रेस्क्यू किया. सभी को दिल्ली और आसपास के क्षेत्र से बरामद कर वापस लाया गया. इसमें मारंगहादा थाना क्षेत्र से एक बच्ची को 20 दिन पूर्व, खूंटी थाना क्षेत्र के एक बच्चे को चार महीना पूर्व, अड़की थाना क्षेत्र की एक बच्ची को 20 दिन पहले, जरियागढ़ की एक बच्ची को डेढ़ महीने पूर्व, कर्रा थाना क्षेत्र की एक बच्ची को दो वर्ष पूर्व, सरायकेला-खरसावां जिला की एक बच्ची को एक वर्ष पूर्व और गिरीडीह जिला की एक बच्ची को छह माह पूर्व ले जाया गया था. सभी को अलग-अलग जगहों पर घरेलू काम में लगाया गया था. रेस्क्यू करने गयी टीम में एएचटीयू थाना प्रभारी फूलमनी टोप्पो, सअनि रमजानुल हक, बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान और आरक्षी प्रिया कुमारी शामिल थे. सालों पहले हुई थी मानव तस्करी की शिकार मानव तस्करी के शिकार बच्चियां और महिलाओं को वापस लाने गयी टीम ने कई ऐसी महिलाओं को रेस्क्यू कर वापस लायी हैं जो सालों पहले मानव तस्करी का शिकार हो गयी थी. इसमें रनिया थाना क्षेत्र की एक 38 वर्षीय महिला है. जिसे 27 साल पहले मानव तस्करों ने दिल्ली ले जाकर बेच दिया था. वह 24-25 साल तक पश्चिम विहार दिल्ली में एक ही घर में घरेलू काम कर रही थी. इसके बाद डेढ़ साल से गुड़गांव में काम कर रही थी. इसी प्रकार रनिया थाना क्षेत्र की ही एक महिला को 2013 में दिल्ली में ले जाकर बेचा गया था. तब वह महज 13 साल की थी. टीम उसे भी रेस्क्यू करने गयी लेकिन वह उत्तर प्रदेश में शादी कर अपना जीवन व्यतीत कर रही है. उसने वापस आने से मना कर दिया. इसी प्रकार तोरपा थाना क्षेत्र की एक 30 वर्षीय महिला का भी रेस्क्यू किया गया.
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