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बचपन में लड़कों के साथ हॉकी खेलती थी प्रतिमा बरवा

अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई महिला हॉकी खिलाड़ियों को गढ़ने वाली जानी-मानी हॉकी कोच प्रतिमा बरवा के असामयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है.

हॉकी कोच के निधन से खेल जगत में शोक की लहर

तोरपा, प्रतिनिधि

अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई महिला हॉकी खिलाड़ियों को गढ़ने वाली जानी-मानी हॉकी कोच प्रतिमा बरवा के असामयिक निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. खेल जगत के लिए यह अपूरणीय क्षति मानी जा रही है. कोचा गांव निवासी प्रतिमा बरवा न केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी थीं, बल्कि एक समर्पित प्रशिक्षिका के रूप में उन्होंने दर्जनों प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया. प्रतिमा बरवा को हॉकी से लगाव बचपन से ही था. उनके पिता गोपाल बरवा, जो कि सीआरपीएफ में कार्यरत थे, स्वयं एक हॉकी खिलाड़ी थे. पिता को हॉकी खेलते देख प्रतिमा ने भी इस खेल को अपना लिया. गांव में लड़कों के साथ बांस की जड़ (फोदा) से हॉकी खेलने वाली प्रतिमा की प्रतिभा को जल्द ही पहचान मिल गयी. सातवीं कक्षा में उनका चयन हॉकी प्रशिक्षण केंद्र के लिए हुआ और वह उर्सुलाइन स्कूल, गुमला में दाखिल हुईं. इसके बाद उन्होंने साईं सेंटर बारियातू में विधिवत हॉकी की शिक्षा ली. कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के बाद उन्होंने पटियाला से कोचिंग प्रशिक्षण प्राप्त किया.

प्रतिमा ने गढ़े कई अंतरराष्ट्रीय सितारे

प्रतिमा बरवा ने सिमडेगा हॉकी सेंटर में कोच के रूप में कार्यभार संभाला. उनके प्रशिक्षण में सलीमा टेटे, दीपिका सोरेन, संगीता कुमारी, ब्यूटी डुंगडुंग, रजनी केरकेट्टा और सुषमा कुमारी जैसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार हुईं. उनकी बहन संगीता बरवा भी हॉकी कोच हैं और डे-बोर्डिंग सेंटर में प्रशिक्षण देती हैं. प्रतिमा के पति सुकरा लोहरा भी हॉकी खिलाड़ी रहे हैं. इस प्रकार हॉकी उनके पूरे परिवार की धड़कन बन गयी थी.

श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब

प्रतिमा बरवा के निधन की खबर से खेल प्रेमियों और ग्रामीणों में शोक की लहर फैल गयी. बड़ी संख्या में लोग कोचा गांव में अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इसमें विधायक सुदीप गुड़िया, पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मनोहर तोपनो, सुमराय टेटे, सावित्री पूर्ति, फूलमनी सोय, सोनल मिंज, कांति बा, पुनिता मिंज, एडलीन केरकेट्टा, और असुंता लकड़ा प्रमुख रूप से शामिल थे. इसके अलावा कोच जगन तोपनो, सिमडेगा और खूंटी के जिला खेल पदाधिकारी प्रवीण कुमार और राजेश चौधरी, हॉकी संघ के दशरथ महतो, परमानंद महतो, सुनील नायक सहित दर्जनों खेल पदाधिकारी व नेता उपस्थित थे.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

खेल जगत के लिए अपूरणीय क्षति

विधायक सुदीप गुड़िया ने कहा कि प्रतिमा बरवा न सिर्फ एक कुशल खिलाड़ी थीं, बल्कि एक समर्पित कोच भी थीं. उन्होंने अपनी कोचिंग से कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देश को दिये. उनके निधन से खेल जगत को गहरा आघात पहुंचा है.

प्रतिमा के निधन से स्तब्ध हूं

पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और ध्यानचंद पुरस्कार विजेता सुमराय टेटे ने कहा प्रतिमा के साथ मैंने बहुत हॉकी खेली है. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. इस दुख को शब्दों में व्यक्त करना कठिन है.

प्रतिभावान और मेहनती थीं

पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सावित्री पूर्ति ने उन्हें याद करते हुए कहा वर्ष 1987 में सिमडेगा कैंप में प्रतिमा मेरे साथ थीं. वह बेहद मेहनती और प्रतिभावान थीं. उन्होंने अपने बल पर हॉकी में ऊंचाई हासिल की.

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