प्रतिनिधि, कर्रा.
नौ बटालियन एनडीआरएफ की टीम ने कर्रा प्रखंड सभागार में शुक्रवार को सड़क दुर्घटना, बाढ़़, हार्ट अटैक, सर्पदंश समेत अन्य आपदा की स्थिति में क्या करें और क्या न करें को लेकर ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया. प्रशिक्षिण में ग्रामीणों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की जानकारी दी गयी. विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाओं और आपदाओं के दौरान क्या कदम उठायें व एनडीआरएफ के काम की जानकारी दी गयी. सीओ वंदना भारती ने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा कर्तव्य दूसरों की जान बचाना है. कहा कि सड़क दुर्घटना, सर्पदंश आदि की स्थिति में हमें घायल या पीड़ित व्यक्ति की सहायता जरूर करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जहरीला सांप के डंसने पर किसी झाड़-फूंक करनेवाले के चक्कर में नहीं पड़ें और पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल ले जायें. आजकल सभी अस्पतालों में एंटीवेनम इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध हैं. पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार सिंह ने कहा कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले काे पुलिस कभी परेशान नहीं करेगी. बल्कि, सरकार उसे नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देती है. एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर गोपाल कुमार ने बताया कि सड़क या ट्रेन दुर्घटना जैसी परिस्थितियों में सबसे पहला कदम होता है कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के खून के बहाव को रोकना. आपात स्थिति में स्वास्थ्य सहायता के लिए 108 एंबुलेंस को कॉल करें. उन्होंने डम्मी के माध्यम से हार्ट अटैक होने पर उठाये जानेवाले कदमों और सावधानियों की जानकारी दी. मौके पर अंचल निरीक्षक दीपक, अंचल कर्मचारी प्रकाश गुप्ता, संजय यादव, काशिफ रजा सहित कई पुलिस अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है