बेतला़ बेतला नेशनल पार्क एक जुलाई से बंद हो जायेगा. अब पर्यटकों को इस पार्क में नेचुरल जंगल सफारी करने का मौका ठीक तीन महीने बाद एक अक्तूबर से मिल सकेगा. पीटीआर प्रबंधन ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है. भारत सरकार के नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर माॅनसून को देखते हुए पार्क को बंद किया गया है. यह समय जंगली जानवरों के लिए प्रजनन काल माना जाता है इसे देखते हुए प्रत्येक वर्ष नो इंट्री लगायी जाती है. हालांकि वन विभाग के पदाधिकारी के द्वारा इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जायेगा. जगह-जगह पर लगाये गये हाइटेक एआइ कैमरे और ड्रोन की मदद से जंगल की निगरानी की जायेगी. वहीं, जगह-जगह पर वन विभाग के अतिरिक्त कर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जायेगा. पर्यटकों के आवागमन बंद होने से जंगल लगभग सुनसान हो जाता है जिसका लाभ शिकारी लेने का प्रयास करते हैं. इस दृष्टिकोण से जंगल की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जायेगा. रेंजर उमेश दुबे ने बताया कि इस दौरान जंगल की सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कोई कमी नहीं रहेगी. आधुनिक तकनीकी का उपयोग करते हुए जंगल की सुरक्षा की जायेगी. ज्ञात हो कि बेतला नेशनल पार्क में बाघ के अलावा 6000 से अधिक हिरण और इतने ही संख्या में बंदर, लंगूर हैं. साथ ही साथ आधा दर्जन से अधिक तेंदुआ, हाथी और तीन दर्जन से अधिक बाइसन, हायना, वाइल्ड बोर सहित अन्य जंगली जानवर हैं.
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