बेतला़ बेतला से सरईडीह स्थित शिव मंदिर के स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा का शुभारंभ मंगलवार रात हुआ. पांच दिवसीय श्रीराम कथा के पहले दिन अयोध्या से पधारे श्री प्रद्युमन जी महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम की कथा का श्रवण करने वालों के जीवन के सभी संकटों का नाश होता है. स्वयं श्री हनुमान उनके रक्षक होते हैं. कलयुग में श्रीराम कथा का महत्व और बढ़ गया है, क्योंकि अधर्मियों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए वैसे लोगों को सही रास्ते पर लाने का एकमात्र विकल्प भगवान श्रीराम की कथा है. उन्होंने रामायण और रामचरित के बीच अंतर बताते हुए कहा कि रामायण जहां मंदिर है वहीं रामचरितमानस एक सरोवर है. जिस तरह सरोवर में स्नान करने से ही मंदिर में प्रवेश किया जा सकता है उस तरह से रामचरितमानस को जानने के बाद ही रामायण के गुढ़ विषयों को समझा जा सकता है. श्री रामचरितमानस के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि संत तुलसीदास जी ने रामायण के साथ कांडों का वर्णन किया है. सातों कांड का अलग-अलग महत्व है. उन्होंने कहा कि रामकथा रूपी गंगा में डुबकी लगाने से मानव के जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं. उन्होंने कहा कि आज राम का एजेंट बनने की जरूरत है और उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए काम करना है. दुनिया के सुख-सुविधा के पीछे भागने वाले कभी प्रसन्न नहीं होते लेकिन भगवान श्रीराम के शरण में आने वाले सदैव सुखी होते हैं. रामकथा के दौरान श्री हनुमान की झांकी प्रस्तुत की गयी. कार्यक्रम का संचालन आचार्य धर्मेंद्र मिश्रा ने किया. मौके पर जिप सदस्य संतोषी शेखर, समाजसेवी अमरेश प्रसाद गुप्ता, कमेटी के अध्यक्ष ओम प्रकाश प्रसाद गुप्ता, अनिल प्रसाद, मुखिया बुद्धेश्वर सिंह, नीतू देवी, उमेश प्रसाद, जोखन प्रसाद, नवल प्रसाद, ललन किशोर सिंह सहित कई लोग मौजूद थे.
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