महुआडांड़़ 17 जून से प्रखंड में लगातार हो रही बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अब तक सामान्य से अधिक 157 मिमी वर्षा हो चुकी है. इस वर्ष अत्यधिक वर्षा ने मक्का की खेती को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है. मक्का उत्पादक किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और वे भारी नुकसान में फंस गये हैं. प्रखंड के ओरसा, सोहर, नेतरहाट, दूरूप, रेंगाई, परहाटोली और चंपा पंचायत में बड़ी संख्या में मक्का की खेती होती है. लेकिन इस साल मात्र 30 प्रतिशत ही खेती हो सकी है. सैकड़ों एकड़ खेत जोताई के बाद भी परती रह गये. किसानों ने खाद, बीज और खेत तैयार करने में भारी रकम खर्च की थी. कई किसानों ने कर्ज या ब्याज पर पैसा लेकर खेती शुरू की थी. अब वे मक्का नहीं लगा पाने के कारण आर्थिक संकट में आ गये हैं. वर्ष 2024 में जहां पांच हजार क्विंटल मक्का की खरीद हुई थी, इस बार वह लक्ष्य भी अधूरा दिख रहा है. क्या कहते हैं किसान : ओरसा पंचायत के वकील अहमद ने बताया कि वे हर साल 15 से 20 एकड़ में मक्का की खेती करते हैं. इस बार कर्ज लेकर खेती शुरू की, लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया. कुछ ही खेतों में मक्का लगा सके हैं और वह भी नष्ट होने की कगार पर है. सफरुल अंसारी ने बताया कि लीज पर भूमि लेकर खेती करते हैं. जोताई, खाद, बीज में पैसा फंसा है. लगातार बारिश से बुआई का समय निकल चुका है. कर्ज लौटाने की चिंता सता रही है. गजोदर यादव ने कहा कि 10 एकड़ में मक्का उगाने की योजना थी, लेकिन मुश्किल से दो एकड़ में ही खेती हो सकी. दूरूप पंचायत के निर्मल पन्ना ने बताया कि खेत तैयार था. 20 एकड़ में मक्का लगाना था लेकिन बारिश नहीं रुकने के कारण सिर्फ पांच एकड़ में ही मक्का लगा पायें. कर्ज लेकर खेती की थी. अब भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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