लातेहार ़ जिला में इन दिनों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का धंधा जोरों पर है. एक जन्म प्रमाण पत्र के लिए दो हजार रुपये तक की वसूली लोगों से की जा रही है. विद्यालय में बच्चों के नामांकन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की अति आवश्यकता होने के कारण मजबूरी में लोग रुपये देकर जन्म प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं. जिन बच्चों का जन्म गांव में ही घर पर हुआ है, उन्हें पलामू या उत्तर प्रदेश के किसी अस्पताल में जन्म दिखाते हुए वहां के प्रशासन द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला मुख्यालय के जुबली चौक, मेन रोड, पुराना बस स्टैंड समेत कई इलाकों के सीएससी व प्रज्ञा केंद्रों के अलावा ऑनलाइन दुकानों में फर्जी प्रमाण पत्र बनाये जा रहें हैं. जिला के महुआडांड़ प्रखंड में भी इन दिनों ऐसा कई मामला देखा गया है. प्रखंड की चुटिया गांव निवासी विरसमुनि कुमारी ने बताया कि उन्हें अपने पुत्र की पढ़ाई के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी. कुछ लोगों ने गांव में आकर जन्म प्रमाण पत्र बनाने की बात कही जो खुद को पोस्ट ऑफिस के अधिकारी बताते हुए जन्म प्रमाण पत्र के लिए दो हजार रुपये की मांग की. जानकारी के अभाव में दो हजार रुपए देकर जन्म प्रमाण पत्र बनवाया. आगे बताया कि गांव के अन्य दर्जनों लोगों ने भी उसी व्यक्ति को दो हजार रुपये देकर प्रमाण पत्र बनवाये हैं. पूरे प्रखंड में सैकड़ों की संख्या में ऐसे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये गये हैं. लोगों ने संबंधित अधिकारियों से जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने एवं फर्जीवाड़ा के शिकार हुए लोगों ने पैसे वापस दिलाने की मांग की है. क्या कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी लातेहार अजय कुमार रजक ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाना कानून अपराध है. यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे आधार कार्ड या अन्य दूसरे दस्तावेज बनाने पर वे बाद में निरस्त हो सकते हैं. उन्होने कहा कि ऐसे प्रज्ञा केंद्र संचालक व अन्य कंंप्यूटर दुकानों में छापामारी कर उन्हें चिह्नित किया जायेगा. उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वालों के चंगुल में नहीं फंसने की अपील की. उन्होंने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र बनाने का एक प्रावधान है, उसी प्रावधान के तहत जन्म प्रमाण पत्र बनवायें. उन्होंने प्रखंडों के अधिकारियों को भी इस दिशा में दिशा-निर्देश दिये हैं.
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